पाकिस्तानी परिवार को मुंबई के किसी होटल ने कमरा नहीं दिया
मुंबई:
मुंबई में पाकिस्तान के एक परिवार को होटल में एक अदद कमरा नहीं मिला। लिहाजा 5 दिन के लिए मुंबई आया परिवार दूसरे दिन ही वापस लौट गया।
हाजी अली दरगाह में जियारत और मुंबई घूमने आया परिवार मायूस हो कर लौट गया। परिवार के मुखिया मो. शकील के मुताबिक बुधवार दोपहर से वो तक़रीबन 40 होटल, गेस्ट हाउस और मुसाफिर खाना के चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन हर जगह उन्हें एक ही जवाब मिला पाकिस्तानी को कमरा नहीं देते।
गनीमत है दिन में नूर मोहम्मदी होटल के बाहर बैठने को जगह मिल गई है। वर्ना बुधवार रात तो मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गुजारनी पड़ी थी। सुबह भतीजे को हाजी अली दरगाह ले गए। बेटा मोहम्मद स्पेशल है इसलिए बाबा से दुआ मांगने आए थे।
सवाल है जब इनके पास पासपोर्ट और वीसा है। ये कानूनी तरीके से मुंबई आए हैं फिर होटल में एक कमरा क्यों नहीं मिला? नियम है कि होटल वाले को सिर्फ दस्तावेजों की फ़ोटो कॉपी के साथ एक ऑनलाइन फॉर्म भरना है जिसे C-FORM कहा जाता है और फिर उसे FRO को मेल कर देना है।
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पाकिस्तानी परिवार को होटल में कमारा देने से मना करनेवाले अजमेरी गेस्ट हाउस के मालिक सय्यद सरवर का कहना है कि हम पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, नाईजीरियन और श्रीलंका के लोगों को कमरा देते ही नहीं। भले ही होटल खाली रहे। लेकिन क्यों? सय्यद इसकी कोई ठोस वजह नही बता पाये।
हालांकि दूसरे कुछ होटल वाले और जानकारों से बात करने पर पता चला कि पाकिस्तानी परिवार को कमरा नकारने के पीछे वजह सिर्फ पुलिस का डर है और कुछ नहीं।
अमन कमीटी के फरीद शेख का कहना है कि पुलिस को नियम में कुछ ढील देनी चाहिये। तभी ये समस्या खत्म होगी। पुलिस तो पूरे मामले में चुप है। उसका कहना है कि बिना किसी शिकायत के हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
और परिवार है कि पुलिस के पचड़े में पड़ना नहीं चाहता। 5 दिन की मुंबई की यात्रा को 2 दिन में ही समेट लिया। बेटे मोहम्मद की सलमान खान से मिलने की इच्छा भी दब गई। पाकिस्तानी परिवार की मुंबई यात्रा उम्मीद और उत्साह से शुरू हुई थी। लेकिन उन अंजान आशंकाओं की बलि चढ़ गई जो दो मुल्कों की अवाम को पास आने से रोकते हैं।
हाजी अली दरगाह में जियारत और मुंबई घूमने आया परिवार मायूस हो कर लौट गया। परिवार के मुखिया मो. शकील के मुताबिक बुधवार दोपहर से वो तक़रीबन 40 होटल, गेस्ट हाउस और मुसाफिर खाना के चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन हर जगह उन्हें एक ही जवाब मिला पाकिस्तानी को कमरा नहीं देते।
गनीमत है दिन में नूर मोहम्मदी होटल के बाहर बैठने को जगह मिल गई है। वर्ना बुधवार रात तो मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गुजारनी पड़ी थी। सुबह भतीजे को हाजी अली दरगाह ले गए। बेटा मोहम्मद स्पेशल है इसलिए बाबा से दुआ मांगने आए थे।
सवाल है जब इनके पास पासपोर्ट और वीसा है। ये कानूनी तरीके से मुंबई आए हैं फिर होटल में एक कमरा क्यों नहीं मिला? नियम है कि होटल वाले को सिर्फ दस्तावेजों की फ़ोटो कॉपी के साथ एक ऑनलाइन फॉर्म भरना है जिसे C-FORM कहा जाता है और फिर उसे FRO को मेल कर देना है।
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पाकिस्तानी परिवार को होटल में कमारा देने से मना करनेवाले अजमेरी गेस्ट हाउस के मालिक सय्यद सरवर का कहना है कि हम पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, नाईजीरियन और श्रीलंका के लोगों को कमरा देते ही नहीं। भले ही होटल खाली रहे। लेकिन क्यों? सय्यद इसकी कोई ठोस वजह नही बता पाये।
हालांकि दूसरे कुछ होटल वाले और जानकारों से बात करने पर पता चला कि पाकिस्तानी परिवार को कमरा नकारने के पीछे वजह सिर्फ पुलिस का डर है और कुछ नहीं।
अमन कमीटी के फरीद शेख का कहना है कि पुलिस को नियम में कुछ ढील देनी चाहिये। तभी ये समस्या खत्म होगी। पुलिस तो पूरे मामले में चुप है। उसका कहना है कि बिना किसी शिकायत के हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
और परिवार है कि पुलिस के पचड़े में पड़ना नहीं चाहता। 5 दिन की मुंबई की यात्रा को 2 दिन में ही समेट लिया। बेटे मोहम्मद की सलमान खान से मिलने की इच्छा भी दब गई। पाकिस्तानी परिवार की मुंबई यात्रा उम्मीद और उत्साह से शुरू हुई थी। लेकिन उन अंजान आशंकाओं की बलि चढ़ गई जो दो मुल्कों की अवाम को पास आने से रोकते हैं।
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