जिन्दा शख्स को 'डेड डिक्लेयर' किया, पोस्टमॉर्टम करने लगे तो वह जाग गया

जिन्दा शख्स को 'डेड डिक्लेयर' किया, पोस्टमॉर्टम करने लगे तो वह जाग गया

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई के सायन हॉस्पिटल में डॉक्टर एक जिंदा आदमी का पोस्टमॉर्टम करने जा रहे थे और जब यह प्रक्रिया शुरू ही होने वाली थी तब उस व्यक्ति ने आंखे खोल दीं। रविवार की इस घटना के बाबत दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि जैसे ही सायन हॉस्पिटल में डॉक्टर पोस्टमॉर्टम शुरू करने लगे, इस शख्स ने आंखें खोल दी।

दैनिक भास्कर में छपी इस खबर के मुताबिक, डॉक्टर ने उसे गलती से डेड डिक्लेयर कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, मामले को दबाने की कोशिश में डॉक्टरों ने तुरंत सारे सबूत मिटा दिए। सभी रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए हैं। वहां मौजूद हॉस्पिटल के स्टाफ ने सबसे पहले देखा कि उस शख्स की सांसें चल रही हैं।

यह है पूरा मामला...

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, रविवार सुबह 11.15 बजे के करीब सायन पुलिस को एक फोन आया, जिसमें कहा गया कि एसटी बस डिपो के पास एक शख्स बेहोश पड़ा है। पुलिस ने शख्स को उठा कर पुलिस ने उसे सायन हॉस्पिटल (लोकमान्य तिलक जनरल हॉस्पिटल) में भर्ती कराया। सूत्रों के मुताबिक, चीफ मेडिकल अफसर डॉ. रोहन रोहेकर उस वक्त ड्यूटी पर थे। उन्होंने तुरंत नाड़ी चेक कर शख्स को मरा हुआ करार दे दिया। आरोप है कि रोहेकर ने हॉस्पिटल स्टाफ और पुलिस को कहा कि बॉडी को तुरंत मॉर्चरी ले जाया जाए। जबकि, हॉस्पिटल के नियमों के मुताबिक, किसी भी डेड बॉडी को कैजुअलिटी वार्ड में कम से कम दो घंटे तक रखा जाता है। इसे 'कूलिंग ऑफ पीरियड' कहते हैं, जहां रिवाइवल का चांस रहता है।

एक पुलिस अफसर का कहना है, 'बॉडी सफेद कपड़े से ढंकी थी। डॉक्टर ने तुरंत कैजुअलिटी वार्ड की डायरी में एंट्री की और उसे मॉर्चरी लेकर पहुंच गए।' बॉडी को मॉर्चरी तक एक स्ट्रेचर में ले जाया गया, जहां उसे लॉबी में लिफ्ट के पास रखा गया। वहां से बॉडी फर्स्ट फ्लोर पर पोस्टमॉर्टम रूम में पहुंचाई गई। लेकिन, जैसे ही वहां के स्टाफ सुभाष और सुरेंदर बॉडी को सीढ़ी पर चढ़ाने वाले थे कि उन्हें शॉक लगा। सुभाष ने कहा, 'मरा हुआ शख्स सांस ले रहा था। हमने देखा कि सांस लेने पर उसका पेट ऊपर-नीचे हो रहा है।' हॉस्पिटल के लोगों का कहना है कि इसके कुछ देर बाद ही मरीज जाग गया और वहां कैसे पहुंचा, इसके बारे में पूछने लगा।

शख्स की पहचान नहीं हो पाई है...

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हॉस्पिटल के एक स्टाफ ने बताया, 'जैसे ही उस शख्स ने पूछताछ शुरू की और इसकी जानकारी डॉक्टर रोहेकर को मिली, वे मॉर्चरी की ओर दौड़े। वहां उन्होंने डेथ इंटिमेशन रिपोर्ट को तुरंत फाड़ दिया और कैजुअलिटी वार्ड डायरी से एंट्री भी मिटा दी। इसके बाद पेशेंट को ईएनटी डिपार्टमेंट में भेज दिया गया।' यह शख्स  कौन था, इसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।