यह ख़बर 12 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस पर कड़क हुए मुलायम ने कहा, सत्ता की चाबी हमारे पास रहेगी

खास बातें

  • समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए उसे सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबा बताया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि केंद्र में सपा के बगैर अगली सरकार किसी की नहीं बनेगी।
कोलकाता:

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए उसे सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबा बताया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि केंद्र में सपा के बगैर अगली सरकार किसी की नहीं बनेगी। उन्होंने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी सभी क्षेत्रीय ताकतों से तीसरे मोर्चे के मंच पर एकजुट होने का भी आह्वान किया। कांग्रेस ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा कि दिल्ली दूर है।

सपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुलायम ने कहा कि कांग्रेस हतोत्साहित है और सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है तो भाजपा अनिश्चितता की स्थिति में है। उन्होंने कहा, "मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर राष्ट्रीय राजनीति में सपा की जिम्मेदारी बढ़ गई है। 2014 का आम चुनाव निर्णायक होगा। आप सभी को गम्भीरता से प्रयास करने होंगे ताकि हम अच्छी संख्या में लोकसभा सीटें जीतें और केंद्र में हमारे बगैर किसी की सरकार न बने।"

मुलायम ने कहा, "हम उत्तर प्रदेश में पहले से ही सत्ता में हैं। यदि हम केंद्र की सत्ता में भी आ जाएं तो हमारा प्रभुत्व पूरे उत्तर भारत में होगा, पंजाब से लेकर बंगाल तक।"

मुलायम के इस बयान पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "अभी दिल्ली दूरस्थ। एक मुगल सम्राट ने ऐसा ही कहा था।"

कांग्रेस पर हमला करते हुए मुलायम ने कहा कि देश कई समस्याओं से जूझ रहा है। बेरोजगारी और गरीबी चरम पर है।

मुलायम ने कहा, "हमारी सीमाओं पर खतरा मंडरा रहा है। घोटाले दर घोटाले हो रहे हैं। कांग्रेस बड़ी पार्टी है लेकिन विश्वास डिगा हुआ है। जनता के लिए कुछ करने में वह नाकाम रही है। घोटालों से उसकी छवि और धूमिल हो रही है।"

सच्चर समिति की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मुलायम ने कहा, "देश में मुसलमानों की स्थिति अनूसुचित जाति और अनूसुचित जनजाति की तुलना में बेहद खराब है।" उन्होंने कहा, "सच्चर समिति किसने बनाई? मनमोहन सिंह.. रिपोर्ट उनके सामने हैं लेकिन इसकी सिफारिशों पर उनका ध्यान नहीं है। सरकार समिति बनाकर लोगों को भ्रमित और मूर्ख बनाने का काम कर रही है।"

इसके जवाब में सिब्बल ने कहा, "राजनीतिक दलों को सरकार की आलोचना का हक है। इसमें कुछ गलत भी नहीं है। यह लोकतंत्र का हृदय है। जो लोग सरकार की आलोचना कर रहे हैं उन्हें संसद में सदन के पटल पर ऐसा करा चाहिए ताकि हम उसका जवाब दे सकें।"

केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर तीखा हमला करते हुए मुलायम ने कहा, "एक मंत्री ने तो कार्यभार संभालते ही अपने सम्बंधियों को कोयला ब्लॉक आवंटित कर दिया।" उन्होंने कहा कि सपा आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल से भी अच्छी संख्या में सीटें जीतेगी।

बैठक के पहले दिन एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया गया। इसे पेश करते हुए महासचिव मोहन सिंह ने कहा, "हाल ही में संपन्न संसद सत्र के दौरान जब भाजपा कार्यवाही नहीं चलने दे रही थी तब हमने दो-तीन दलों के साथ मिलकर संसद परिसर में धरना दिया।" उन्होंने कहा, "हमने तीसरे मोर्चे का बीज बो दिया है। अब उसे सींचकर पौधे का रूप देने की कोशिश करनी है। हम उन सभी क्षेत्रीय दलों से आग्रह करते हैं जो कांग्रेस और भाजपा की विरोधी हैं, नया मोर्चा बनाए।"

पार्टी ने यह संकेत भी दिया कि वह तृणमूल कांग्रेस के मुकाबले वाम दलों के साथ एक मंच पर आने को प्राथमिकता देगी क्योंकि वाम दलों से उसका पारम्परिक संबंध रहा है।

मोहन सिंह ने इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "तृणमूल कांग्रेस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टी है। जब हम अन्य दलों से बात करेंगे तो तृणमूल से भी बात करनी हमारी बाध्यता होगी।" उन्होंने कहा, "लेकिन समस्या यह है कि हमारे वाम दलों से पारम्परिक संबंध रहे हैं। बुरे दिनों में हमें हरकिशन सिंह सुरजीत और ज्योति बसु का साथ मिला।"

यह पूछे जाने पर कि क्या सपा मुलायम सिंह को तीसरे मोर्चे के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करेगी, सिंह ने कहा, "यदि हम ऐसा करते हैं तो तीसरे मोर्चे के गठन में परेशानियां आएंगी। लेकिन क्या कोई ऐसा है जो प्रधानमंत्री बनना नहीं चाहता।"
मोहन सिंह से जब यह पूछा गया कि वह आखिर क्यों समय-समय पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का बचाती रही है, उन्होंने कहा कि इसके पीछे दो वजह है। पहला, भारत जैसा गरीब देश लगातार चुनावों का सामना नहीं कर सकता और दूसरा, भाजपा जैसी साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखना।

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सिंह ने कहा कि कुछ निश्चित क्षेत्रों में क्षेत्रीय दलों की अच्छी पकड़ है लेकिन अब तक वे एकजुट नहीं हो पाए हैं कि वे शक्ति के रूप में केंद्र की राजनीति में उभरे।