सांसदों ने की निजी एयरलाइंस में सीटें रिजर्व करने की मांग, कंपनियों ने किया इनकार

सांसदों ने की निजी एयरलाइंस में सीटें रिजर्व करने की मांग, कंपनियों ने किया इनकार

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

खास बातें

  • केरल से एक सांसद ने पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाने को कहा था
  • एयरलाइनें आखिरी समय में विमान किराये को कम करने की मांग से सहमत नहीं
  • खत्‍म नहीं किए गए हैं हवाईअड्डों पर वीआईपी को मिलने वाले विशेषाधिकार
नई दिल्ली:

सांसदों ने दलगत भावना से ऊपर उठते हुए विमान किराये में आखिरी क्षणों में होने वाली वृद्धि को कम करने की मांग की है ताकि आपात स्थिति के दौरान उनकी यात्रा आसान हो सके. हालांकि, इस मांग का किसी भी एयरलाइन ने समर्थन नहीं किया है.

सूत्रों ने बताया कि संसद (लोकसभा) सदस्यों के वेतन एवं भत्तों पर संयुक्त समिति की एक बैठक में कुछ सांसदों ने यह मांग की लेकिन वहां उपस्थित सभी एयरलाइन अधिकारियों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. बैठक में एयर इंडिया, जेट एयरवेज, स्पाइसजेट, इंडिगो और गो एयर के अधिकारी शरीक हुए.

सूत्रों ने बताया कि समिति को केरल से एक सांसद का पत्र मिला था जिसमें इस मुद्दे को उठाने को कहा गया था. उन्होंने बताया था कि एक बार उन्हें केरल से दिल्ली आने में एक उड़ान के लिए 60,000 रुपये किराया चुकाना पड़ा था. इसके मुताबिक कमेटी ने मुद्दे पर चर्चा की. अप्रैल में सरकार ने संसद को बताया था कि हवाईअड्डों पर सांसदों और अन्य वीआईपी को मिलने वाले विशेषाधिकारों को खत्म करने का कोई कदम नहीं उठाया गया था.

विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने एक लिखित जवाब में बताया था कि सांसद हवाईअड्डों पर मुफ्त में चाय, कॉफी, पानी पीते रहेंगे. साथ ही वे अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू टर्मिनलों पर रिजर्व लाउंज का उपयोग कर सकेंगे. सूत्रों के मुताबिक एयरलाइनें आखिरी समय में विमान किराये को कम करने की मांग से सहमत नहीं हुईं. वहीं नागरिक विमानन मंत्रालय का मानना है कि इससे सामान्य समय में किरायों में वृद्धि होगी जो करीब दो साल से कम होने की प्रवृत्ति पर है.

उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने समिति को बताया कि विमानों की सिर्फ करीब चार पांच फीसदी सीटें ही आखिरी समय में उस वक्त की मौजूदा किराये पर बुक होती हैं. और यदि एयरलाइनों को इन सीटों का किराया भी कम करने को कहा गया तो वे औसत टिकट दर बढ़ा सकते हैं जिससे आम आदमी प्रभावित होगा. वहीं, एयर पैसेजेंर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआई) के अध्यक्ष डी सुधाकर रेड्डी ने भी इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि एयरलाइनों को अपने वाणिज्यिक हितों की सुरक्षा के लिए किराये तय करने की इजाजत दी जानी चाहिए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com