मध्य प्रदेश के सियासी घमासान के बीच बेंगलुरु के एक होटल में रुके हुए कांग्रेस के बागी विधायकों ने वीडियो जारी कर कहा है कि वे पिछले एक साल से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोई भी तैयार नहीं था. इन बागी नेताओं ने इस्तीफा देकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए संकट पैदा कर दिया था. जहां कांग्रेस का कहना है कि उनका अपहरण करके जबरन उन्हें कैद कर रखा है. वहीं, बागी विधायकों का कहना है कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है और कांग्रेस नेताओं से बात करने में उनकी कोई रूचि नहीं है.
दिग्विजय सिंह बुधवार सुबह बेंगलुरु में उन नेताओं से मिलने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. उसके बाद वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए. इसके बाद पुलिस ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया. हालांकि, कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया.
मध्य प्रदेश के मोरैना जिले के सुमवाली से विधायक ऐडल सिंह कंसाना ने कहा, ' हमें कुछ लोगों के माध्यम से पता चला है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेता, जैसे दिग्विजय सिंह जी हमसे मिलने आए थे. हम उनसे न तो मिलना चाहते और ना ही बातचीत. हम एक साल से बात करने की कोशिश कर रहे हैं और एक साल से किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। एक दिन में वे क्या सुनेंगे?'
एक अन्य विधायक कमलेश जाटव ने कहा, 'हम अपनी मर्जी से बेंगलुरु आए हैं और उसी तरह से जाएंगे. यह बताया गया है कि कुछ कांग्रेस नेता और मंत्री आज हमसे मिलने आए थे. हमने इसलिए इस्तीफा दे दिया, क्योंकि सरकार लोगों के लिए कोई काम नहीं कर रही थी. हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हम सरकार से निराश हैं.'
इमरती देवी का कहना है, 'हमने इसलिए इस्तीफा दे दिया, इसलिए चले आए. उसकी वजह दिग्विजय सिंह हैं. उनके जैसे नेताओं ने कांग्रेस को खत्म कर दिया. मैंने बेंगलुरु पुलिस से सुरक्षा की अपील की है. हम दिग्विजय से नहीं मिलना चाहते.'
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