![जिन विधायकों को कैद किया गया है उन्हें छुड़ाया जाए उसके बगैर फ्लोर टेस्ट की मांग गलत है : CM कमलनाथ जिन विधायकों को कैद किया गया है उन्हें छुड़ाया जाए उसके बगैर फ्लोर टेस्ट की मांग गलत है : CM कमलनाथ](https://c.ndtvimg.com/2020-03/2g0fpo48_kamal-nath_650x400_13_March_20.jpg?downsize=773:435)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन से फ्लोर टेस्ट को लेकर मुलाकात की है. सीएम कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट को लेकर तारीख मांगी है. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन विधायकों को कैद किया गया है उन्हें छुड़ाया जाए उसके बगैर फ्लोर टेस्ट की मांग गलत है. राज्यपाल लाल जी टंडन को सौंपे एक ज्ञापन में सीएम कमलनाथ ने कहा कि वो चाहते हैं कि इसी बजट सत्र में उनकी सरकार का शक्ति परीक्षण किया जाए इसके लिए उनकी ओर से स्पीकर से तारीख तय करने के लिए कहा गया है. हालांकि सीएम कमलनाथ ने ज्ञापन में यह भी कहा कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. वहीं राज्य सरकार ने बेंगलुरु गए छह मंत्रियों को बर्खास्त करने की राज्यपाल का सिफारिश की है. राज्यपाल इस सिफारिश पर फैसला कर सकते हैं. राज्यपाल आठ मार्च को होली की छुट्टी पर लखनऊ गए थे. राज्य में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच राज्यपाल के बीच में छुट्टी रद्द कर लौटने का अनुमान लगाया जा रहा था, मगर ऐसा नहीं हुआ और वह गुरुवार की रात भोपाल वापस आ गए हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज होकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. सिंधिया का दावा है कि उनके साथ 22 विधायक हैं. फिलहाल सत्तासीन कांग्रेस के कांग्रेस के 114 में से 22 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं, और अगर इन्हें स्वीकार कर लिया गया, तो कमलनाथ सरकार का गिर जाना तय है, क्योंकि उस स्थिति में 230-सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा की प्रभावी सदस्य संख्या 206 रह जाएगी (दो सदस्यों के देहावसान के चलते इस वक्त यह संख्या 228 है), और बहुमत के लिए आवश्यक संख्या 104 रह जाएगी. इस्तीफों के मंज़ूर हो जाने पर कांग्रेस की सदस्य संख्या 92 रह जाएगी, और BJP के पास 107 सदस्य हैं.
इनके अलावा विधानसभा में चार निर्दलीय सदस्य हैं, बहुजन समाज पार्टी (BSP) के दो विधायक हैं तथा समाजवादी पार्टी (SP) का एक विधायक है, और इन सातों ने फिलहाल कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया हुआ है. सो, इस्तीफों के मंज़ूर हो जाने की स्थिति में भी कांग्रेस गठबंधन की ताकत 99 सीटों पर सिमटकर रह जाएगी, जो बहुमत के लिए आवश्यक संख्या से कम होगा.
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