केंद्र सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विरुद्ध धनशोधन का मामला प्रथम दृष्टया बनता हुआ जान पड़ता है।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने आयकर विभाग को एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री के कर आकलन रिकॉर्ड एवं अन्य दस्तावेज भी उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है।
पीठ ने कहा, इस बीच, हम इस मामले में सीबीआई द्वारा पेश स्थिति रिपोर्ट पर आगे बढ़ना चाहते हैं। केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल संजय जैन ने कहा, यह कहने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री है कि प्रतिवादी नंबर 5 (वीरभद्र सिंह) के विरुद्ध धनशोधन का मामला बनता है।
वह गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज के वकील प्रशांत वकील की दलीलों पर जवाब दे रहे थे। कॉमन कॉज का कहना है कि मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री होने के बाद भी जांच एजेंसी प्राथमिकी दर्ज करने में अनावश्यक देरी कर रही है।
जैन ने कहा कि केवल सीबीआई ही जांच की सटीक स्थिति के बारे में बता सकती है।
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