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This Article is From Apr 06, 2017

बहराइच के जंगल में मिली 'मोगली गर्ल', बंदरों की तरह करती है व्यवहार

बहराइच के जंगल में मिली 'मोगली गर्ल', बंदरों की तरह करती है व्यवहार
बहराइच के जंगलों से मिली आठ साल की लड़की बिल्कुल बंदरों जैसा व्यवहार करती है (प्रतीकात्मक चित्र)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बहराइच के जंगलों में बंदरों के साथ रहती थी यह आठ साल की बच्ची
यह न तो इंसानों की भाषा समझ पाती है और न ही व्यवहार कर पाती है
यह न तो इंसानों की भाषा समझ पाती है और न ही व्यवहार कर पाती है
बहराइच: जंगल बुक के मोगली के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है कि भेड़ियों के बीच पलने वाला मोगली जानवरों की ही भाषा बोलता है और उन्हीं के जैसा व्यावहार करता है, लेकिन वह एक काल्पिनक पात्र है. लेकिन उत्तर प्रदेश के बहराइच के जंगल से पुलिस को आठ साल की एक ऐसी लड़की मिली है जो बंदरों के झुंड में रहती है और वह न तो हमारी-आपकी तरह बोल पाती है और न ही व्यवहार करती है.  

जानकारी के मुताबिक सबइंस्पेक्टर सुरेश यादव कतर्नियाघाट के जंगल के मोतीपुर रेंज में नियमित गश्त पर थे. तभी उनकी नज़र एक लड़की पर पड़ी जो, बंदरों के एक झुंड में थी. बंदर जब एक-दूसरे पर चिल्ला रहे थे तो लड़की भी उन्हीं की तरह नकल कर रही थी, लेकिन बंदरों के बीच घिरी लड़की बिल्कुल सामान्य थी.

सुरेश यादव ने अन्य पुलिसवालों की मदद से बड़ी मुश्किल से बंदरों को दूर कर लड़की को उनके बीच से निकाला. जब सुरेश लड़की के  पास से बंदरों को दूर भगाने की मशक्त कर रहे थे तो बंदर उन पर गुर्रा रहे थे, पुलिस उस समय अचंभे में पड़ गई गई जब लड़की भी बंदरों की तरह उन पर गुर्राने लगी.

हालांकि, पुलिस लड़की को बंदरों के झुंड से निकालने में कामयाब रही. लड़की के शरीर पर चोटों के निशान थे. जख्मी बालिका को सबइंस्पेक्टर सुरेश यादव ने मिहीपुरवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. हालत में सुधार न होने पर बाद में बच्ची को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया. यहां धीरे-धीरे बालिका की हालत में सुधार आ रहा है.

पुलिस ने बताया कि लड़की बंदरों के बीच नग्न अवस्था में मिली. उसके बाल और नाखून बढ़े हुए थे. पुलिस के मुताबिक कई दिनों पहले गांववालों ने इस लड़की को देखा था, उन्होंने लड़की को बंदरों से बचाने की कोशिश की थी, लेकिन बंदरों के झुंड ने गांववालों पर हमला कर दिया. गांववालों ने ही लड़की के बारे में पुलिस को सूचित किया था. पुलिस कई दिनों से लड़की को खोजने के लिए जंगलों में गश्त कर रही थी.

बहराइच जिला अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, यह बच्ची डॉक्टरों व अन्य लोगों को देखते ही चिल्ला उठती है. यह न तो उनकी भाषा समझ पाती है और न ही कुछ ठीक से बोल पाती है. इस वजह से बच्ची का उपचार करने में भी दिक्कत आ रही है.

कुछ लोग बताते हैं कि यह ठीक से खाना भी नहीं खा पाती है. थाली के खाने को जमीन पर फैला देती है, फिर बिल्कुल बंदरों की तरह जमीन से खाना उठाकर खाती है. वह अपने दोनों पर पैरों पर ठीक से खड़ी भी नहीं हो पाती है, क्योंकि यह बंदरों की तरह ही दोनों हाथों और पैरों से चलती है. डॉक्टर और वन्यकर्मी मिलकर बच्ची के व्यवहार में सुधार करने में जुटे हैं और उनका दावा है कि बच्ची अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है.





 

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