पंजाब के मोगा केस में बादल परिवार को हाईकोर्ट ने पहला झटका दे दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य परिवहन आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और ऑर्बिट एविएशन यूनिट को नोटिस जारी किया है।
हाई कोर्ट ने यह नोटिस जारी कर पूछा है कि राज्य में चलने वाली बसों में कितनी हिस्सेदारी सरकारी बसों की है और कितनी निजी बसों की है। हमारे संवाददाता आनंद पटेल के मुताबिक, आज सुनवाई में खंडपीठ में नोटिस जारी किया है। ऑर्बिट बस कंपनी बादल परिवार की है।
एक आम नागरिक की ओर से हाई कोर्ट को इस बाबत ईमेल के जरिए पूरे मामले से जुड़ी जानकारी दी गई थी। ईमेल में अखबारों की कतरने भी थीं। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया।
राज्य सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि बादल परिवार या उनकी जान पहचान की बसें ही राज्य में चल रही हैं औऱ उन्हें खुली छूट मिली हुई है। परिवहन बसों की संख्या दिनोंदिन कम होते जाने के आरोप लगते रहे हैं। आनंद पटेल ने कहा कि कोर्ट का नोटिस अपने आप में बड़ी बात है क्योंकि अब तक इस मामले पर कभी किसी ने हाथ नहीं डाला। फिलहाल कोर्ट ने नोटिस के जरिए केवल बसों की संख्या पर सही सही जानकारी मांगी है।
क्या है मोगा मामला...
बुधवार को मोगा में एक महिला और उनकी बेटी गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थीं, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़ित महिला ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की गई। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
ऑर्बिट बस को पुलिस सिक्यॉरिटी दी जा रही थी..
पिछले दिनों हमारे चैनल ने स्टोरी की थी जिसमें साफ दिख रहा था कि मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की बस कंपनी की बस को खास सुरक्षा दी गई।
सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा था, बदकिस्मती से बस कंपनी हमारी..
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना से सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ है। जिस बस में यह घटना हुई, बदकिस्मती से वह हमारी बस कंपनी की है। मैं इसे अच्छा नहीं समझता, लेकिन समाज में हर तरह के लोग हैं। कानून अपना काम करेगा।
हाई कोर्ट ने यह नोटिस जारी कर पूछा है कि राज्य में चलने वाली बसों में कितनी हिस्सेदारी सरकारी बसों की है और कितनी निजी बसों की है। हमारे संवाददाता आनंद पटेल के मुताबिक, आज सुनवाई में खंडपीठ में नोटिस जारी किया है। ऑर्बिट बस कंपनी बादल परिवार की है।
एक आम नागरिक की ओर से हाई कोर्ट को इस बाबत ईमेल के जरिए पूरे मामले से जुड़ी जानकारी दी गई थी। ईमेल में अखबारों की कतरने भी थीं। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया।
राज्य सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि बादल परिवार या उनकी जान पहचान की बसें ही राज्य में चल रही हैं औऱ उन्हें खुली छूट मिली हुई है। परिवहन बसों की संख्या दिनोंदिन कम होते जाने के आरोप लगते रहे हैं। आनंद पटेल ने कहा कि कोर्ट का नोटिस अपने आप में बड़ी बात है क्योंकि अब तक इस मामले पर कभी किसी ने हाथ नहीं डाला। फिलहाल कोर्ट ने नोटिस के जरिए केवल बसों की संख्या पर सही सही जानकारी मांगी है।
क्या है मोगा मामला...
बुधवार को मोगा में एक महिला और उनकी बेटी गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थीं, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़ित महिला ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की गई। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
ऑर्बिट बस को पुलिस सिक्यॉरिटी दी जा रही थी..
पिछले दिनों हमारे चैनल ने स्टोरी की थी जिसमें साफ दिख रहा था कि मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की बस कंपनी की बस को खास सुरक्षा दी गई।
सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा था, बदकिस्मती से बस कंपनी हमारी..
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना से सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ है। जिस बस में यह घटना हुई, बदकिस्मती से वह हमारी बस कंपनी की है। मैं इसे अच्छा नहीं समझता, लेकिन समाज में हर तरह के लोग हैं। कानून अपना काम करेगा।
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