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This Article is From Feb 19, 2012

मोदी ने एनसीटीसी पर केंद्र को सुनाई खरी-खरी

अहमदाबाद: केंद्र पर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार का कहना है कि सुरक्षा केंद्र और राज्य की साझा जिम्मेदारी है, लेकिन जब कानून बनाने की बात आई, तो उसने राज्यों से सलाह-मशविरा करना भी मुनासिब नहीं समझा।

राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र की स्थापना की केंद्र की योजना का विरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप राज्य सरकारों की जिम्मेदारी को स्वीकार करते हैं, तो क्या कानून बनाने से पहले उनके साथ सलाह-मशविरा करना आपकी (केंद्र) जिम्मेदारी नहीं है।’’ मोदी गृहमंत्री पी चिदंबरम के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि सुरक्षा केंद्र और राज्यों की साझा जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘विगत कुछ सालों में यूपीए सरकार भारत के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचा रही है और इसके कारण देश को खतरनाक हालात का सामना करना पड़ सकता है।’’ मोदी ने कहा कि अपनी ताजा पहल के तहत किसी भी राज्य सरकार से पूछे या चर्चा किए बिना रातों रात उन्होंने (केंद्र ने) राज्यों से कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी छीनने का प्रयास किया है। मोदी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने महसूस किया कि उनका विचार सही है, तो वे खुली चर्चा कर सकते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्होंने सोचा कि उनका विचार सही है, तो वे इसे राष्ट्रीय पटल पर रख सकते थे और इस पर चर्चा कर सकते थे। वे इसे सुरक्षा परिषद में एजेंडा के तौर पर पेश कर सकते थे और इस पर चर्चा कर सकते थे।’’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि खुली चर्चा का प्रयास किए बिना केंद्र ने पिछले दरवाजे से कानून बनाने का प्रयास किया। मोदी ने कहा कि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी एनसीटीसी मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने केंद्र और राज्य के संबंधों पर गठित सरकारिया आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी मुख्यमंत्रियों ने नाराजगी जताई कि इस तरीके से देश को नहीं चलाया जा सकता। केंद्र को सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए और हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकारिया आयोग की सिफारिशों को लागू करे।’’ सरकार ने आतंकी समूहों के खिलाफ अभियानों में समन्वय करने के लिए आतंकवाद निरोधक निकाय को 1 मार्च से शुरू करने का फैसला किया है।

एनसीटीसी को गिरफ्तारी और तलाशी लेने की शक्तियां हैं। इन अभियानों के लिए उसकी एक अलग शाखा होगी। हालांकि, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा समेत विभिन्न राज्यों ने इस कदम का विरोध किया है।

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