
लंदन:
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) के मुद्दे पर सशस्त्र बलों के अधिकारियों और जवानों को 'नीचा दिखाया' और काला धन वापस लाने का वादा कर भारत के लोगों के साथ 'धोखेबाजी' कर रहे हैं।
जेठमलानी ने कहा कि सशस्त्र बलों के अधिकारियों एवं जवानों के लिए ओआरओपी का वादा सिर्फ जोर-शोर से किया गया एक ऐलान भर था। सोमवार शाम पत्रकारों को संबोधित करते हुए जेठमलानी ने कहा कि मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह काला धन लाएंगे, जिससे हर एक नागरिक को फायदा होगा, लेकिन अब तक उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया है।
उन्होंने कहा, 'मोदी काला धन लाने के मुद्दे पर भारतीय लोगों से धोखेबाजी करने के भी कसूरवार हैं।' जर्मनी की सरकार ने स्विट्जरलैंड में बैंक खाताधारी 1,400 नाम हासिल किए, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे, और इसे बिना शर्त भारत सरकार से साझा करने की पेशकश की।
जेठमलानी ने कहा, 'मोदी दो बार जर्मन चांसलर से मिल चुके हैं। लिहाजा, मैंने पूछा कि क्या उन्हें नाम मिले। पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।' उन्होंने कहा कि वह भारत के सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठा रहे हैं।
जेठमलानी ने कहा कि सशस्त्र बलों के अधिकारियों एवं जवानों के लिए ओआरओपी का वादा सिर्फ जोर-शोर से किया गया एक ऐलान भर था। सोमवार शाम पत्रकारों को संबोधित करते हुए जेठमलानी ने कहा कि मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह काला धन लाएंगे, जिससे हर एक नागरिक को फायदा होगा, लेकिन अब तक उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया है।
उन्होंने कहा, 'मोदी काला धन लाने के मुद्दे पर भारतीय लोगों से धोखेबाजी करने के भी कसूरवार हैं।' जर्मनी की सरकार ने स्विट्जरलैंड में बैंक खाताधारी 1,400 नाम हासिल किए, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे, और इसे बिना शर्त भारत सरकार से साझा करने की पेशकश की।
जेठमलानी ने कहा, 'मोदी दो बार जर्मन चांसलर से मिल चुके हैं। लिहाजा, मैंने पूछा कि क्या उन्हें नाम मिले। पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।' उन्होंने कहा कि वह भारत के सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठा रहे हैं।
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