डॉक्टर बनना होगा आसान: हर जिले में मोदी सरकार खोलने जा रही है मेडिकल कॉलेज, बिहार के ये 3 जिले पहले चरण में शामिल

पहले चरण में बिहार के पूर्णिया, छपरा, और समस्तीपुर में नये मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. इसको लेकर मंजूरी भी दी जा चुकी है.

डॉक्टर बनना होगा आसान:  हर जिले में मोदी सरकार खोलने जा रही है मेडिकल कॉलेज, बिहार के ये 3 जिले पहले चरण में शामिल

हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने से सीटों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है.

खास बातें

  • हर जिले में खुलेंगे मेडिडक कॉलेज
  • पहले चरण में 58 जिले शामिल
  • 2022 तक का लक्ष्य
नई दिल्ली:

अब भारत में डॉक्टर बनना आसान हो जायेगा क्योंकि केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक  देश के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोला जायेगा.इससे सीटें और बढ़ने की उम्मीद है. इस योजना को लेकर काम भी शुरू हो गया है और इस बात का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने गुरुवार को गुजरात में किया है. जूनागढ़ में  जिले में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, एक कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत हर तीन संसदीय क्षेत्रों के लिए एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल होगा. बाद में, जैसे - जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इन संसदीय क्षेत्रों की संख्या घटा कर दो और फिर एक कर दी जाएगी. पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान पर जोर देते हुये कहा कि डब्ल्यूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि महज स्वच्छता (सुनिश्चत करने) से भारत में तीन लाख बच्चों को मरने से बचाया जा सकता है. स्वच्छता अभियान सीधे तौर पर स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. उन्होंने गुजरात मेडिकल एंड एजुकेशन रिसर्च सोसाइटी के एक नव निर्मित अस्पताल सहित विभिन्न परियोजनाओं का उदघाटन करने के बाद यह बात कही.  मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं स्वच्छता के बारे में बात करता हूं तब वे (विपक्ष) मेरा मजाक उड़ाया करते हैं.’’ वे लोग कहते हैं कि क्या शौचालय बनाना, कूड़ा साफ करना प्रधानमंत्री का काम है? उन्होंने कहा कि यदि ये सभी काम 70 साल से किए गए होते तो देश अब तक रोग मुक्त हो गया होता. उन्होंने कहा कि देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने की ओर ले जाना स्वास्थ्य के प्रति सबसे बड़ा कदम है. 

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वहीं इस योजना को लेकर जब पड़ताल की गई तो पीआईबी यानी प्रेस इन्फरमेशन ब्यूरो की वेबसाइट में इस पर विस्तार से जानकारी दी गई है. इसमें लिखा है कि  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणा मंत्रालय की देखरेख में केंद्र सरकार की ओर से नये मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे और उनको जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों से जोड़ दिया जाएगा. इस योजना के मुताबिक पहले चरण में 20 राज्यों के 58 जिलों को चयन किया गया है और इसके लिये  5188.42 करोड़ रुपये जारी कर दिये गये हैं. इनमें से 8 कॉलेजों शुरू भी कर दिये गये हैं. 

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वहीं दूसरे चरण में 24 नये मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक समिति  की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है. इस चरण का मुख्य उद्देश्य कम से कम 3 संसदीय क्षेत्रों के बीच एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो. साथ ही हर राज्य में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज हो. 

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पहले चरण में बिहार के पूर्णिया, छपरा, और समस्तीपुर में नये मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. इसको लेकर मंजूरी भी दी जा चुकी है. हालांकि समस्तीपुर के मेडिकल कॉलेज को लेकर अभी जमीन लेकर कुछ अड़चन आ रही है जिसकी वजह से डीपीआर को मंजूरी नहीं मिली है. इस योजना को लेकर पूरी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्यसभा में लिखित जवाब में दिया है. गौरतलब है कि देश इस समय पाच लाख डॉक्टरों की जरूरत है. मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' जिसके तहत सभी को मेडिकल बीमा देना है,  में डॉक्टरों की ये कमी बड़ी चुनौती है. केंद्र सरकार की योजना है कि साल 2022 तक डॉक्टरों की ये कमी पूरी कर ली जाएगी. गौरतलब है कि देश में अभी 460 कॉलेज हैं जिसमें 63985 छात्र हैं. पहले चरण में 58 मेडिकल कॉलेज खोलने का प्लान है इससे कम से कम 8 हजार से ज्यादा सीटें बढ़ने की उम्मीद है और पूरी योजना शुरू हो जाने पर 72 हजार से ज्यादा सीटें बढ़ सकती हैं. इसका मतलब है कि डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले छात्रों के लिये  सीटें और बढ़ जाएंगी.

 


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