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This Article is From Mar 06, 2020

कांग्रेस के 7 सांसदों के निलंबन पर सरकार अडिग, गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर हो सकता है विचार

कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन पर सरकार अडिग है. सूत्रों ने कहा कि अगर अपने असंसदीय आचरण के लिए क्षमा भी मांग लें, तब भी निलंबन वापस नहीं होगा.

कांग्रेस के 7 सांसदों के निलंबन पर सरकार अडिग, गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर हो सकता है विचार
नई दिल्ली:

कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन पर सरकार अडिग है. सूत्रों ने कहा कि अगर अपने असंसदीय आचरण के लिए क्षमा भी मांग लें, तब भी निलंबन वापस नहीं होगा. वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर विचार हो रहा है. माना जा रहा है कि घटनाक्रम की जांच के लिए बनी समिति सदस्यता खत्म करने पर विचार कर सकती है. गोगोई पर आरोप है कि उन्होंने आसन से काग़ज़ छीन कर फाड़ दिए. गौरतलब है कि  बजट सत्र के दूसरे भाग के दौरान लोकसभा में हंगामा करने और उद्दंड आचरण के लिए कांग्रेस के सात सांसदों को शेष सत्रावधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को सदन का अपमान करने और ‘घोर कदाचार' के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया.  पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है. निलंबित सांसद गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, एडवोकेट डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, मणिक्कम टैगोर, राजमोहन उन्नीथन तथा गुरजीत सिंह औजला हैं. स्पीकर ने कांग्रेस सांसदों की सदस्यता खत्म करने की सरकार की मांग पर जांच के लिए समिति बनाने को मंजूरी भी दे दी.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है वे तुरंत बाहर चले जाएं.' कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज संसद में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मिंदा दास्तान है. विपक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि दिल्ली के दंगों पर चर्चा हो, देश की छवि धूमिल हो रही है. मजहबी दरार बढ़ रही है. देश की खातिर सदन में चर्चा हो. पिछली दो तारीख़ से मांग कर रहे हैं, सब पर योगदान करेंगे. पहले दिल्ली दंगों ओर बात हो. स्पीकर ने कहा कोरोना को लेकर बात हो, हम तैयार हो गए.

उन्होंने कहा कि सदन जब चलने लगा तो फिर मांग की. राहुल और सोनिया को गाली दी गई. हमने कहा 11 मार्च को हो सकता है, आज क्यों नहीं? बदले की भावना से पूरे सेशन के लिए सस्पेंड किया गया है. सरकार डरी हुई है. यह तानाशाही का फैसला है. सरकार का फैसला है, स्पीकर का नहीं है. सात सदस्यों का निलंबन करने से डरने वाले नहीं हैं. जंग हमारा जारी रहेगी. हमारी मांग है कि दिल्ली दंगों पर चर्चा हो . हम दूसरे नेताओं से इसपर बात कर रहे है . ये हमारा अधिकार है. यह एक संवेदनशील मामला है, और जनता से जुड़े मुद्दे उठाएंगे.

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