नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने चुनाव से पहले किसानों को राहत की सौगात दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नवंबर और दिसंबर 2016 के लिए कृषि ऋण पर ब्याज छूट को मंजूरी दे दी. जिन किसानों ने रबी फसल की बुआई के लिए अल्पावधि के लिए सहकारी बैंकों से ऋण ले रखा है, उन्हें इस घोषणा से जरूर राहत मिलेगी. नवंबर में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बंद किए जाने के कारण किसानों को नकदी की परेशानी झेलनी पड़ी और रबी फसल की बुआई प्रभावित हुई और वे ऋण का ब्याज नहीं चुका सके.
सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नवंबर और दिसंबर 2016 के लिए कृषि ऋण पर ब्याज छूट को मंजूरी दे दी गई, जो किसानों ने रबी फसल की बुआई के लिए अल्पावधि के लिए सहकारी बैंकों से ले रखी है."
बयान में कहा गया है कि यह निर्णय सहकारी बैंकों के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया, ताकि किसानों को आसानी से फसल ऋण मिल सके और वे नकदी की कमी के कारण रबी फसल की बुआई में हुई कठिनाई से बाहर आ सकें.
बयान में कहा गया है, "सहकारी बैंकों को कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जरिए अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि वे किसानों को नवंबर और दिसंबर महीने का ब्याज छूट दे सकें." यह सहकारी बैंकों द्वारा चालू वित्त वर्ष (2016-17) में किसानों के लिए जारी रखा जाएगा.
बयान के अनुसार, "इस मद में 1,060.50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तीय दायित्व की जरूरत होगी. ब्याज सब्सिडी योजना को लागू करने के लिए वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 15,000 करोड़ रुपये की राशि पहले से आवंटित की गई है, जिसका पहले से ही उपयोग कर लिया गया है."
सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नवंबर और दिसंबर 2016 के लिए कृषि ऋण पर ब्याज छूट को मंजूरी दे दी गई, जो किसानों ने रबी फसल की बुआई के लिए अल्पावधि के लिए सहकारी बैंकों से ले रखी है."
बयान में कहा गया है कि यह निर्णय सहकारी बैंकों के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया, ताकि किसानों को आसानी से फसल ऋण मिल सके और वे नकदी की कमी के कारण रबी फसल की बुआई में हुई कठिनाई से बाहर आ सकें.
बयान में कहा गया है, "सहकारी बैंकों को कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जरिए अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि वे किसानों को नवंबर और दिसंबर महीने का ब्याज छूट दे सकें." यह सहकारी बैंकों द्वारा चालू वित्त वर्ष (2016-17) में किसानों के लिए जारी रखा जाएगा.
बयान के अनुसार, "इस मद में 1,060.50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तीय दायित्व की जरूरत होगी. ब्याज सब्सिडी योजना को लागू करने के लिए वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 15,000 करोड़ रुपये की राशि पहले से आवंटित की गई है, जिसका पहले से ही उपयोग कर लिया गया है."
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