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This Article is From Sep 18, 2011

सद्भावना मिशन किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं : मोदी

अहमदाबाद: तीन दिवसीय उपवास पर बैठे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके दूसरे दिन यह साफ करने की कोशिश की कि उपवास के पीछे खुद को प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित करने की उनकी कोई कोशिश नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका उपवास किसी खास समुदाय या धर्म को आकर्षित करने के लिए नहीं है। उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि गुजरात की जनता ने अपार पीड़ा सही है और पीड़ित परिवारों के प्रति उनके मन में सहानुभूति है। गुजरात में 2002 में हुए साम्प्रदायिक दंगे में कम से कम 1,000 लोग मारे गए थे और उसमें अधिकांश मुस्लिम थे। मोदी ने उपवास के दूसरे दिन कहा, "सद्भावना मिशन किसी खास समुदाय या धर्म के लिए नहीं है। यह गुजरात की जनता के लिए है। गुजरात की प्रगति ने आगे का रास्ता दिखाया है।" मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, "गुजरात राज्य ने अपार पीड़ा सही है। पीड़ित हुए परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है। मैं अभी भी उस पीड़ा को महसूस कर सकता हूं।" उन्होंने कहा, "यह मिशन जोड़ने के लिए है, तोड़ने के लिए नहीं। गुजरात मेरा परिवार है। छह करोड़ गुजरातियों की खुशी, गम, सपने और आकांक्षाएं मेरी हैं।" ज्ञात हो कि गुजरात विश्वविद्यालय में चल रहे मोदी के उपवास को अल्पसंख्यकों को लुभाने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ने अपने 10 वर्ष के शासन के दौरान की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि उनका उपवास शांति, एकता और सद्भाव के लिए है। उपवास के दूसरे दिन उपवास स्थल पर भाजपा महासचिव अनंत कुमार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा, महासचिव विजय गोयल, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई नेता पहुंचे। मोदी के तीन दिवसीय उपवास के मकसद पर उठ रहे सवालों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि मोदी पहले से ही राष्ट्रीय शख्सियत हैं, इस लिहाज से वह पहले से ही राष्ट्रीय राजनीति में हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "वह एक राष्ट्रीय शख्सियत हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक सफल मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा देशभर में लोग उन्हें चाहते हैं।" जावड़ेकर ने कहा, "मैं समझता हूं कि वह राष्ट्रीय पटल पर हैं.. वह गुजरात को विकसित करने के मिशन में लगे हुए हैं, क्योंकि फिलहाल उनका वही अधिकार क्षेत्र है..यदि उन्हें अलग तरह का अधिकार क्षेत्र मिलता है तो वह उसे भी साबित करेंगे।" जावड़ेकर ने कहा कि गुजरात सद्भावना का वास्तविक नमूना है। उन्होंने कहा, "सच्ची सद्भावना सभी वर्गो का समान विकास, समान अवसर ही होता है।"

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