
प्रतीकात्मक तस्वीर
- सुरक्षा उपायों के साथ महिलाओं को नियुक्त करने की भी अनुमति होगी
- इस आदर्श कानून के लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी
- यह आदर्श कानून राज्यों द्वारा अपनाया जा सकता है
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नई दिल्ली:
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को होने वाली बैठक में एक ऐसे कानूनी प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें देशभर में दुकानों, मॉल और दूसरे प्रतिष्ठानों को पूरे साल चलाने और अपनी सुविधा के मुताबिक खोलने तथा बंद करने की अनुमति दी गई है। कैबिनेट ने आज चर्चा के बाद शॉप्स एंड एस्टैब्लिस्मैंट एक्ट को मंजूरी दे दी है।
इस मॉडल कानून में रात की पाली में उचित सुरक्षा उपायों के साथ महिलाओं को नियुक्त करने की भी अनुमति होगी। इसमें कर्मचारियों के लिए पीने के पानी, कैंटीन, बच्चों के लिए पालना घर, त्वरित चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाओं पर भी जोर दिया गया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय खनिज उत्खनन नीति पर भी विचार होने की संभावना है। इससे देश में 100 संभावित खनिज ब्लॉक की नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘मॉडल दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का नियमन) विधेयक 2016 बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक के एजेंडा में शामिल है।’’ इस आदर्श कानून के लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक यह आदर्श कानून राज्यों द्वारा अपनाया जा सकता है और उन्हें इसमें अपनी जरूरतों के मुताबिक सुधार करने की छूट होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय खनिज उत्खनन नीति पर भी विचार होने की संभावना है। नीति को मंजूरी मिलने के बाद सरकार खनिज की खोज के लिए पहचाने गए 100 ब्लॉक की नीलामी कर सकती है।’’
इस मॉडल कानून में रात की पाली में उचित सुरक्षा उपायों के साथ महिलाओं को नियुक्त करने की भी अनुमति होगी। इसमें कर्मचारियों के लिए पीने के पानी, कैंटीन, बच्चों के लिए पालना घर, त्वरित चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाओं पर भी जोर दिया गया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय खनिज उत्खनन नीति पर भी विचार होने की संभावना है। इससे देश में 100 संभावित खनिज ब्लॉक की नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘मॉडल दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का नियमन) विधेयक 2016 बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक के एजेंडा में शामिल है।’’ इस आदर्श कानून के लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक यह आदर्श कानून राज्यों द्वारा अपनाया जा सकता है और उन्हें इसमें अपनी जरूरतों के मुताबिक सुधार करने की छूट होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय खनिज उत्खनन नीति पर भी विचार होने की संभावना है। नीति को मंजूरी मिलने के बाद सरकार खनिज की खोज के लिए पहचाने गए 100 ब्लॉक की नीलामी कर सकती है।’’
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