शिलांग:
मेघालय के उत्तर गारो पर्वतीय जिले में सेना ने मोटरसाइकिल सवार एक स्कूली शिक्षक सहित दो व्यक्तियों को सशस्त्र उग्रवादी समझ कर गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय स्कूली शिक्षक स्वीटबर्थ डी मराक और अलफुइस मोमिन (दोनों राजसिमला गांव निवासी) बुधवार रात एक मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे। तभी सेना के जवानों ने उन्हें खारकुट्टा क्षेत्र में गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।
जिला उपायुक्त एससी साधु ने कहा, 'हमें पुलिस से मामले की विस्तृत जानकारी का इंतजार है। इसके तहत ही एक मजिस्ट्रेटी जांच गठित की जाएगी।' खारकुट्टा विधायक चेरेक डब्ल्यू मोमिन मौके पर सुबह पहुंचे और दो 'बेगुनाह लोगों' की हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा, 'मामले की तत्काल जांच किए जाने की जरूरत है और दोषियों को सजा होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि सेना की ओर से क्षेत्र में 'बिना सोचे समझे गोलीबारी' की यह दूसरी घटना है, जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई है।'
वहीं सेना ने दो नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है और कहा कि वे इसलिए मारे गए क्योंकि उग्रवादियों के खिलाफ अभियान के दौरान वे रुकने के लिए कहे जाने पर भी रुके नहीं। सेना के जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनीत न्यूटन ने गुवाहाटी में जारी एक बयान में कहा, 'पहली बात यह कि यह घटना प्राथमिक रूप से इसलिए हुई क्योंकि संबंधित मोटरसाइकिल सवार नागरिकों ने वर्तमान सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं किया।'
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय स्कूली शिक्षक स्वीटबर्थ डी मराक और अलफुइस मोमिन (दोनों राजसिमला गांव निवासी) बुधवार रात एक मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे। तभी सेना के जवानों ने उन्हें खारकुट्टा क्षेत्र में गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।
जिला उपायुक्त एससी साधु ने कहा, 'हमें पुलिस से मामले की विस्तृत जानकारी का इंतजार है। इसके तहत ही एक मजिस्ट्रेटी जांच गठित की जाएगी।' खारकुट्टा विधायक चेरेक डब्ल्यू मोमिन मौके पर सुबह पहुंचे और दो 'बेगुनाह लोगों' की हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा, 'मामले की तत्काल जांच किए जाने की जरूरत है और दोषियों को सजा होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि सेना की ओर से क्षेत्र में 'बिना सोचे समझे गोलीबारी' की यह दूसरी घटना है, जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई है।'
वहीं सेना ने दो नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है और कहा कि वे इसलिए मारे गए क्योंकि उग्रवादियों के खिलाफ अभियान के दौरान वे रुकने के लिए कहे जाने पर भी रुके नहीं। सेना के जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनीत न्यूटन ने गुवाहाटी में जारी एक बयान में कहा, 'पहली बात यह कि यह घटना प्राथमिक रूप से इसलिए हुई क्योंकि संबंधित मोटरसाइकिल सवार नागरिकों ने वर्तमान सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं किया।'
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