गलत धारणा है कि सिर्फ डीजल वाहन ही प्रदूषण फैलाते हैं : सरकार ने एनजीटी से कहा

गलत धारणा है कि सिर्फ डीजल वाहन ही प्रदूषण फैलाते हैं : सरकार ने एनजीटी से कहा

सरकार ने दलील दी है कि ऐसे कई प्रदूषक तत्व हैं, जो वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारक हैं. (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

खास बातें

  • भारी उद्योग मंत्रालय ने पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का विरोध किया.
  • डीजल ही एकमात्र प्रदूषणकारी ईंधन नहीं है- भारी उद्योग मंत्रालय
  • पीठ ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
नई दिल्‍ली:

सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण से कहा कि यह गलत धारणा है कि सिर्फ डीजल ही पर्यावरण को प्रदूषित करता है.

अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल पिंकी आनंद ने अधिकरण से कहा, 'एनजीटी ने निष्कर्ष निकाला है कि डीजल वाहन पेट्रोल और सीएनजी की तुलना में अधिक प्रदूषणकारी हैं. सरकार ने दलील दी है कि ऐसे कई प्रदूषक तत्व हैं जो वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारक हैं'. भारी उद्योग मंत्रालय ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए अधिकरण से कहा कि डीजल ही एकमात्र प्रदूषणकारी ईंधन नहीं है. इसमें अधिक ईंधन दक्षता है, जिससे पेट्रोल वाहन की तुलना में 10 से 15 फीसदी कम कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है.

आनंद ने कहा कि भारत में डीजल चालित यात्री वाहनों ने एक साल में 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका है. इस तरह देश के कार्बन उत्सर्जन को घटाने में मदद की है.

बहरहाल, पीठ ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. गौरतलब है कि केंद्र ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के एनजीटी के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. (इनपुट भाषा से)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com