लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा मामले में इस्तीफे की विपक्ष की मांग से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) बेफिक्र हैं. लखीमपुर मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों पर गाड़ी चढ़ाने को आरोप है और एसआईटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे सोची समझी साजिश बताया है. संसद में इस्तीफे की विपक्ष की मांग से अविचलित केंद्रीय मंत्री टेनी ने आज गृह मंत्रालय में एक कॉन्फ्रेंस का वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया. नरेंद्र मोदी की सरकार में गृह मंत्रालय के 'जूनियर मंत्री' अजय मिश्रा अब तक किसी भी कार्रवाई से बचे हुए हैं. आरोप है कि वे और उनका बेटा आशीष, दोनों उस समय लखीमपुर में मौजूद थे जब चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे. उन पर अपने बेटे आशीष को 'संरक्षण देने' का आरोप है जो अक्टूबर माह में गिरफ्तारी के बाद से जेल में है. बीजेपी ने अजय मिश्रा को हटाने से इनकार किया है और उनका फेसबुक पोस्ट दर्शाता है कि संसद में हंगामे और विपक्ष की मांग से वे बेफिक्र हैं. अजय मिश्रा रोजाना अपने कार्यालय पहुंच रहे हैं.
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मिश्रा इस वीडियो में अधिकारियों से कह रहे हैं, 'हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी)और गृह मंत्री (अमित शाह ) उस पुरानी प्रथा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जहां अपराधियों के खिलाफ सुबूत मौखिक साक्ष्य के आधार पर एकत्र किए जाते थे. हम फोरेंसिंक और साक्ष्य के साइंटिफिक कलेक्शन अधिक से अधिक करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. अभियोजन के दौरान ऐसे करीब 70 से 80 फीसदी साक्ष्य होना चाहिए ताकि केस मजबूत रहे. ' अपनी टीम के समक्ष, मंत्री का यह संबोधन कल एक पत्रकार से 'टकराव' के एकदम विपरीत है. मिश्रा को कल पत्रकारों का कैमरा छीनते देखा गया था जिसने उनसे एसआईटी की रिपोर्ट के संबंध में सवाल पूछा था. केंद्रीय मंत्री मिश्रा से जब पत्रकारों ने जेल में बंद उनके बेटे आशीष मिश्रा के बारे में सवाल किया तो उन्होंने अपना आपा खो दिया था. मंत्री ने वहां मौजूद पत्रकारों की माइक पकड़ ली थी और उन्हें अपशब्द कहे थे.
मंत्री उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन कर रहे थे. एक पत्रकार ने जब उनके बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ नए आरोपों के बारे में पूछा तो मंत्री ने चिल्लाते हुए कहा, "ये बेवकूफी भरे सवाल मत पूछो. दिमाग खराब है क्या ?" केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा एक अन्य रिपोर्टर का माइक छीनते हुए दिखाई दिए थे. सूत्र बताते हैं कि लखीमपुर मामले में बीजेपी नेतृत्व, अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में नहीं है और मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से नहीं हटाया जाएगा. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी नेतृत्व की राय है कि स्पेशन इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट अंतिम नहीं है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है. वैसे भी बेटे की करतूतों की सजा पिता को नहीं दी जा सकती. पत्रकारों के साथ अजय मिश्रा के रवैये को जरूर गलत माना गया है और उन्हें हिदायत दी गई है कि आगे से ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए.
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