Covid-19 Pandemic: बिहार के बेगूसराय में एक प्रवासी मजदूर की मौत क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Center) में हो गई. जानकारी के अनुसार, कोलकाता से 13 दिन पूर्व एक प्रवासी मजदूर (Migrant labour)अपने गांव लौटा था और आने के बाद से क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा था. घटना बखरी थाना क्षेत्र के सोनमा सिमरी मध्य विद्यालय कोरोटाइन सेंटर की है. प्रवासी श्रमिक की मौत से नाराज परिजनों ने शव के पोस्टमार्टम के बाद शकरपुरा गांव के निकट बखरी अलौली सड़क को जाम कर हंगामा किया. बताया जाता है कि बुधवार दोपहर के बाद शकरपुरा गांव निवासी 45 वर्षीय मोहम्मद सईद के सीने में तेज दर्द उठा, इसकी सूचना डॉक्टरों को दी गई लेकिन डॉक्टरों के मौके पर पहुंचने के पहले ही सईद की मौत हो गई. मौत की सूचना पर बखरी एसडीओ समेत सभी अधिकारी सेंटर पर पहुंच मामले की जांच पड़ताल की.
गांव वालों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही और सरकारी उदासीनता के कारण प्रवासी मजदूर की मौत हुई है. 3 घंटे जाम के बाद अधिकारियों और स्थानीय लोगों के समझाने बुझाने के बाद जाम हटाया गया. बखरी के राजद विधायक उपेंद्र पासवान ने सरकारी उदासीनता और लापरवाही के कारण प्रवासी मजदूर की मौत का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है और मृतक परिवार को 10 लाख मुआवजा देने की मांग की है.
सेंटर में रह रहे अन्य मजदूरों और परिजनों ने कहा कि सेंटर पर कोई व्यवस्था नहीं है मृतक की तबीयत कई दिनों से खराब थी जिसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन उचित इलाज नहीं कराया गया. डाक्टर ने सिर्फ गैस की दवा दी थी. इसके साथ ही 2 दिन पूर्व कुछ प्रवासी मजदूरों की गलतियों के कारण सभी मजदूरों को धूप में एक घंटा खड़ा कर दिया गया था जिसके बाद से मोहम्मद सईद की तबीयत और बिगड़ रही थी. डॉक्टरों ने उसे गैस की दवा भी दी थी लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण मोहम्मद सईद की मौत हो गई. हालांकि सईद की मौत किस वजह से हुई है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.
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