अफज़ल गुरु के अवशेष उसके परिवार को देने से गृह मंत्रालय ने इनकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अफज़ल गुरु को तिहाड़ जेल की एक बेनाम कब्र में दफनाया गया था और ऐसा कोई नियम नहीं है कि किसी कैदी के अवशेष उसके परिवार को दिए जाएं। ये देशहित में नहीं है इसलिए ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। ये बातें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहीं।
उधर पीडीपी ने कहा है कि अगर बीजेपी को सरकार चलानी है तो उनकी मांग माननी होगी। पीडीपी के मदनी सरताज़ ने कहा, 'मुफ़्ती साहब ऐसे नहीं बोलते, अगर बीजेपी को सरकार चलानी है तो हमारी बात सुननी पड़ेगी।' पूर्व गृह सचिव और अब बीजीपी के संसद आर के सिंह मानते हैं कि पीडीपी को इस तरह की बयानबाज़ी से बचना चाहिए और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत काम करना चाहिए।
उधर अफज़ल के मामले को लेकर दुबारा से लोकसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस के नेताओं ने वेल में आकर प्रधानमंत्री और सरकार के खिलाफ नारे लगाए गृह मंत्री ने ये भी कहा की सरकार मुफ़्ती साहब के बयान से या फिर पीडीपी की अफज़ल को लेकर मांग से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखती।
दरअसल इस वर्किंग अलायन्स को लेकर जहां घाटी में रोष है वहीं जम्मू में भी समझौते के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में दोनों पार्टियों को इस बात का धयान रखना होगा कि उसके बयान दुसरों के क्षेत्र में असर न करें, इसलिए संभल कर दोनों बोलें न कि राजनीती करें।
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