दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन (E. Sreedharan) ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की चिट्ठी का जवाब दिया है. श्रीधरन ने कहा कि जब तक दिल्ली मेट्रो 33000 करोड़ का लोन नहीं चुका लेती है तब तक मेरी समाज के किसी भी वर्ग को मुफ्त यात्रा पर आपत्ति है. महिलाओं को मुफ्त यात्रा से मेट्रो को होने वाले नुकसान की भरपाई आपकी सरकार तो कर देगी लेकिन आने वाली सरकारें शायद ना कर पाए और तब मेट्रो इस फैसले को बदल-पलट नहीं पाएगी और महिलाओं से यात्रा का किराया नहीं ले पाएगी. यह देश की दूसरी मेट्रो के लिए खतरनाक नजीर बनेगी. ई श्रीधरन (E. Sreedharan) ने कहा कि हम देश में बहुत धीमी गति से मेट्रो का निर्माण कर रहे हैं. 25 किलोमीटर हर साल, जबकि चीन में 300 किलोमीटर हर साल मेट्रो का निर्माण होता है. यह सब फंड की कमी के चलते हैं.
'मेट्रो मैन' ई. श्रीधरन ने की मुफ्त यात्रा योजना की खिलाफत, तो आम आदमी पार्टी ने कुछ यूं दिया जवाब
उन्होंने लिखा, अगर मेट्रो में कर्ज के जाल में फंसने के संकेत मिले तो भविष्य में आने वाली मेट्रो को लोन नहीं मिलेगा. मैं आप की योजना का विरोध नहीं कर रहा हूं केवल मुफ्त यात्रा के कंसेप्ट पर आपत्ति कर रहा हूं. अगर महिलाओं को मुफ्त यात्रा दी गई तो समाज के दूसरे वर्गों का क्या होगा जैसे कि छात्र विकलांग और वरिष्ठ नागरिक. जो कि इसके ज्यादा हकदार हैं. दुनिया में कोई भी मेट्रो महिलाओं को मुफ्त यात्रा नहीं देती. अगर दिल्ली सरकार को महिलाओं की ज्यादा चिंता है तो मेरा सुझाव है की महिलाओं के टिकट को डायरेक्टली पैसा देकर रिम्बर्स कर दें. ध्यान रहे कि दिल्ली सरकार मेट्रो को जो भी मुआवजा दे रही है वह टैक्सपेयर का पैसा है और उसका हक है कि सवाल करे कि केवल महिलाएं ही क्यों मुफ्त में यात्रा करें?
श्रीधरन ने कहा, हर कोई जानता है कि यह एक चुनावी पैंतरा है, महिलाओं का वोट लेने के लिए. अगर दिल्ली सरकार के पास बहुत ज्यादा पैसा आ गया है तो वह क्यों नहीं दिल्ली मेट्रो को और ट्रेन खरीदने और नई लाइन का निर्माण करने के लिए मदद करती जिससे कि पहले से ही भरी हुई मेट्रो को राहत मिले. जबकि मेरी जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार ने मेट्रो के चौथे फेस को मंजूरी देने में 2 साल की देरी की है. और लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए बस सेवा भी नहीं लाई. वातावरण और सड़कों पर भीड़ कम करने के लिए सरकार को यह करना चाहिए था न कि महिलाओं की मुफ्त यात्रा.
श्रीधरन ने आगे कहा है कि मुफ्त यात्रा देकर महिला यात्रियों की सुरक्षा बिल्कुल नहीं बढ़ेगी. मेट्रो से निकलने के बाद अगर सड़क बस पकड़ने से पहले पर कुछ होता है तो उसका क्या? आप की सरकार को इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ना कि मुफ्त यात्रा देने पर. मैं आपकी सरकार से अपील करता हूं कि वह चुनावी फायदे केलिए दिल्ली मेट्रो जैसे एक सक्षम और कामयाब पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बर्बाद ना करें.
VIDEO : दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त ट्रांसपोर्ट
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