मुंबई धमाकों में मास्टरमाइंड टाइगर मेमन की फाइल फोटो
श्रीनगर:
उग्रवादी से नेता बने कांग्रेस विधायक उस्मान मजीद ने यह दावा कर विवाद छेड़ दिया कि साल 1993 में हुए मुंबई धमाकों के बाद उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में टाइगर मेमन से मुलाकात की थी। उस दौरान टाइगर अपने भाई याकूब के आत्मसर्मण से इस आशंका को लेकर परेशान था कि आईएसआई उसकी हत्या कर सकता है। याकूब को नागपुर सेंट्रेल जेल में फांसी के फंदे से लटकाए जाने के एक दिन बाद मजीद का दावा आया है।
उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा से विधायक ने दावा किया, 'मैं टाइगर से 1993 में मिला था। मैं उससे दो तीन बार मिला था। वह मुजफ्फराबाद (पीओके की राजधानी) स्थित हमारे दफ्तर में आया करता था। मेरी टाईगर से दोस्ती नहीं थी। स्टूडेंट्स लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक एवं इखवान उल मुस्लीमीन आतंकी संगठन के प्रमुख हिलाल बेग ने उन्हें उससे मिलवाया था।' उन्होंने बताया कि जब वे मिले थे उससे पहले ही टाइगर मुंबई में बम विस्फोट कर चुका था।
मजीद ने कहा, 'उस वक्त वह हमारे देश में मोस्ट वांटेड था। मैंने उससे पूछा कि उसने धमाकों को अंजाम क्यों दिया और विस्फोटों के पीछे क्या वजह थी।' मजीद ने दावा किया, 'उसने जवाब दिया कि मुख्य वजह बाबरी मस्जिद को ढहाया जाना और इसके बाद हुए दंगे थे। उसने कहा कि महिलाओं सहित अन्य लोग उसके पास आए और उसे बताया कि उनकी हत्या की जा रही है और वह भावुक हो गया। इसी के चलते उसने विस्फोट किए थे।'
मजीद ने कहा कि टाइगर ने उसे बताया था कि आईएसआई ने धमाकों की साजिश रचने और अंजाम देने में मदद की थी। उसने दावा किया था , 'आईएसआई ने विस्फोटों को अंजाम देने में टाइगर की मदद की थी। टाइगर ने खुद इसे नहीं किया था। टाइगर के मुताबिक सब कुछ पाकिस्तान ने किया था... योजना और हथियार उन्होंने (पाकिस्तान ने) मुहैया कराये थे और साजिश को आईएसआई के निर्देशों पर उसके (टाइगर) के गिरोह ने अंजाम दिया था।'
कश्मीरी विधायक ने यह दावा भी किया कि अपने भाई याकूब के आत्मसमर्पण करने के बाद टाइगर चिंतित था और उसे अंदेशा था कि आईएसआई उसकी हत्या कर सकता है। उन्होंने बताया, 'टाइगर ने कहा कि याकूब ने आत्मसमर्पण कर दिया है, लेकिन यहां हमारे लोगों ने बताया कि उसे गिरफ्तार किया गया है।' उन्होंने बताया, 'लेकिन टाइगर आत्मसमर्पण को लेकर चिंतित था। उसने सोचा कि आईएसआई का उससे भरोसा उठ जाएगा। पाकिस्तान को यह भी चिंता थी कि वह भी आत्मसमर्पण कर सकता है। टाइगर ने कहा कि पाकिस्तान में पहले की तुलना में अब उसके लिए कम सम्मान है और इसलिए आईएसआई उसे शक की नजरों से देख रहा है।'
उन्होंने बताया, 'जब याकूब ने आत्मसमर्पण कर दिया, तब टाइगर ने पाकिस्तान छोड़ दिया, क्योंकि उसे आशंका थी कि आईएसआई उसकी हत्या कर देगा। वह अपमानित महसूस कर रहा था और वह दुबई के लिए रवाना हो गया, लेकिन वार्ताओं के बाद उन्होंने (आईएसआई ने) उसे वापस बुलाया, क्योंकि वे उसे आत्मसमर्पण नहीं करने देना चाहते थे।
मजीद ने दावा किया, 'उन्हें डर था कि कहीं याकूब कुछ आधार न मुहैया कर दे और वह टाइगर के भी आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करेगा।' उनके मुताबिक आईएसआई टाइगर को कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करने देगा।
उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा से विधायक ने दावा किया, 'मैं टाइगर से 1993 में मिला था। मैं उससे दो तीन बार मिला था। वह मुजफ्फराबाद (पीओके की राजधानी) स्थित हमारे दफ्तर में आया करता था। मेरी टाईगर से दोस्ती नहीं थी। स्टूडेंट्स लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक एवं इखवान उल मुस्लीमीन आतंकी संगठन के प्रमुख हिलाल बेग ने उन्हें उससे मिलवाया था।' उन्होंने बताया कि जब वे मिले थे उससे पहले ही टाइगर मुंबई में बम विस्फोट कर चुका था।
मजीद ने कहा, 'उस वक्त वह हमारे देश में मोस्ट वांटेड था। मैंने उससे पूछा कि उसने धमाकों को अंजाम क्यों दिया और विस्फोटों के पीछे क्या वजह थी।' मजीद ने दावा किया, 'उसने जवाब दिया कि मुख्य वजह बाबरी मस्जिद को ढहाया जाना और इसके बाद हुए दंगे थे। उसने कहा कि महिलाओं सहित अन्य लोग उसके पास आए और उसे बताया कि उनकी हत्या की जा रही है और वह भावुक हो गया। इसी के चलते उसने विस्फोट किए थे।'
मजीद ने कहा कि टाइगर ने उसे बताया था कि आईएसआई ने धमाकों की साजिश रचने और अंजाम देने में मदद की थी। उसने दावा किया था , 'आईएसआई ने विस्फोटों को अंजाम देने में टाइगर की मदद की थी। टाइगर ने खुद इसे नहीं किया था। टाइगर के मुताबिक सब कुछ पाकिस्तान ने किया था... योजना और हथियार उन्होंने (पाकिस्तान ने) मुहैया कराये थे और साजिश को आईएसआई के निर्देशों पर उसके (टाइगर) के गिरोह ने अंजाम दिया था।'
कश्मीरी विधायक ने यह दावा भी किया कि अपने भाई याकूब के आत्मसमर्पण करने के बाद टाइगर चिंतित था और उसे अंदेशा था कि आईएसआई उसकी हत्या कर सकता है। उन्होंने बताया, 'टाइगर ने कहा कि याकूब ने आत्मसमर्पण कर दिया है, लेकिन यहां हमारे लोगों ने बताया कि उसे गिरफ्तार किया गया है।' उन्होंने बताया, 'लेकिन टाइगर आत्मसमर्पण को लेकर चिंतित था। उसने सोचा कि आईएसआई का उससे भरोसा उठ जाएगा। पाकिस्तान को यह भी चिंता थी कि वह भी आत्मसमर्पण कर सकता है। टाइगर ने कहा कि पाकिस्तान में पहले की तुलना में अब उसके लिए कम सम्मान है और इसलिए आईएसआई उसे शक की नजरों से देख रहा है।'
उन्होंने बताया, 'जब याकूब ने आत्मसमर्पण कर दिया, तब टाइगर ने पाकिस्तान छोड़ दिया, क्योंकि उसे आशंका थी कि आईएसआई उसकी हत्या कर देगा। वह अपमानित महसूस कर रहा था और वह दुबई के लिए रवाना हो गया, लेकिन वार्ताओं के बाद उन्होंने (आईएसआई ने) उसे वापस बुलाया, क्योंकि वे उसे आत्मसमर्पण नहीं करने देना चाहते थे।
मजीद ने दावा किया, 'उन्हें डर था कि कहीं याकूब कुछ आधार न मुहैया कर दे और वह टाइगर के भी आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करेगा।' उनके मुताबिक आईएसआई टाइगर को कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करने देगा।
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