
भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल (India, USA, UAE, Israel) के विदेश मंत्री (foreign ministers meeting ) सोमवार को बैठक करेंगे. यह बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई है. इन चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बीच यह चर्चा चल पड़ी है कि क्या यह एक और क्वॉड (Quad) बनाने की कवायद है. इससे पहले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर चारों देशों के गठबंधन क्वॉड का गठन किया है. इसकी कई बैठकें भी आयोजित की जा चुकी हैं. चीन ने क्वॉड को लेकर तीखी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की है और इसे एक सैन्य गठबंधन करार दिया है. उसने कहा है कि ऐसे गठबंधनों से चीन पर असर नहीं पड़ेगा.
क्वॉड देशों के शीर्ष नेताओं की हाल ही में वाशिंगटन में शिखर बैठक भी हुई थी. इसमें पीएम मोदी (PM Modi) , अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के साथ ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री भी शामिल हुए थे. बैठक के बाद क्वॉड देशों ने अफगानिस्तान, आतंकवाद, हिंद प्रशांत महासागर समेत कई मुद्दों पर साझा राय रखी थी.
अमेरिका, इजरायल और यूएई के विदेश मंत्रियों की पिछले हफ्ते वाशिंगटन में भी मुलाकात हो चुकी है. अरब के प्रभावशाली देश यूएई और इजरायल के बीच प्रगाढ़ होती दोस्ती को भी अहम माना जा रहा है. इजरायल, अमेरिका और भारत के बीच पहले ही रक्षा समेत तमाम मामलों में रणनीतिक साझेदारी है. इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर इजरायल यात्रा पर थे, जहां रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय वार्ता हुई.
पीएम मोदी की जुलाई 2017 में येरूशलम यात्रा के दौरान भी दोनों देशों के रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदला गया था. बैठक के पहले जारी बयान में कहा गया है कि यह बैठक आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने और सहयोग बढ़ाने के मकसद से बुलाई गई है. यूएई के विदेश मंत्री ने तो यहां तक कहा है कि जल्द ही वो इजरायल की यात्रा पर भी जा सकते हैं. वहीं
दरअसल, चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों को लेकर तनाव बना हुआ है. भारत और चीनी सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच हाल ही में 13वें दौर की वार्ता हुई थी, जो चीन के अड़ियल रवैये के कारण बेनतीजा साबित हुई थी. भारत ने चीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बहाल करने को कहा है, लेकिन ड्रैगन फिलहाल राजी होता नहीं दिख रहा है. दोनों देशों के बीच पैंगोंग सो लेक क्षेत्र में सैन्य वापसी का कार्य हो चुका है.