केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की 21वीं बैठक मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. रोजगार गारंटी परिषद का गठन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 की धारा 10 के तहत किया गया है. बैठक में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि मनरेगा सबसे बड़ी रोजगार सृजन योजनाओं में से एक है जिसके तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान किया जाता है. इस कार्यक्रम में 261 कार्य हैं जिनमें से 164 प्रकार के कार्य कृषि और इससे संबंधित गतिविधियों से जुड़े हैं.
सरकार ने जल संरक्षण/ सिंचाई संबंधी निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी है जिसका लाभ आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों में 100% मजदूरी का भुगतान करने के सभी उपाय कर रही है. मनरेगा के लिए 61,500 करोड़ रू. का बजट था लेकिन आत्मनिर्भर भारत अभियान में इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था ठप पड़ी हुई है, इसे गति देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पैकेज से अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी और इसका "गुणात्मक प्रभाव" होगा. वित्त मंत्री ने कहा, " बिजनेस सेक्टर के लिए प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण था. पीएम गरीब कल्याण योजना में हमने कुछ कैश ट्रांसफर किया है, हम फिलहाल इस विकल्प को बंद नहीं कर रहे हैं. यह योजना लॉकडाउन के बाद शुरू की गई है.
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