यह ख़बर 30 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

वर ढूंढ़ने में हो रहा है आरटीआई का इस्तेमाल

खास बातें

  • मेरठ में लड़की पक्ष के लोग सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल करके इस बात का पता लगा रहे हैं कि दूल्हे का नाम किसी आपराधिक मामले में तो दर्ज नहीं है।
Meerut:

आपराधिक रिकार्ड वाले लड़कों के लिए अब धोखाधड़ी करके शादी कर पाना मुश्किल होगा, क्योंकि लड़की पक्ष के लोग सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून का इस्तेमाल करके इस बात का पता लगा रहे हैं कि दूल्हे का नाम इस तरह के किसी मामले में तो नहीं है। पुलिस कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 400 ऐसे आवेदन मिले हैं, जिनमें लोगों ने लड़की की शादी की बात कहते हुए लड़के का आपराधिक ब्यौरा मांगा है। मेरठ के पुलिस अधीक्षक (शहर) पीपी सिंह ने बताया कि आरटीआई के तहत मिलने वाले आवेदनों का पुलिस लगातार जवाब दे रही है। उन्होंने बताया कि अब तक पुलिस को मिले करीब 400 आवेदनों में से 300 लोगों को इससे संबंधित सूचना भेजी जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से इन आवेदकों की संख्या बढ़ रह रही है, उससे पुलिस का काम काफी बढ़ गया हैं। दरअसल लड़की पक्ष के लोग शादी की बात आगे बढ़ाने से पहले जानना चाहते हैं कि लड़के का कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं है।


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