बीएसपी मुखिया मायावती (फाइल फोटो)
लखनऊ:
कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) मुखिया मायावती पर बाबा साहेब अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के नाम पर दलित समाज को 'हाईजैक' करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि पार्टी ने 'भीम ज्योति यात्रा' के जरिए उनके पर्दाफाश की सफल कोशिश की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने 'भीम ज्योति यात्रा' के तीसरे और अंतिम चरण के समापन अवसर पर लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि मायावती ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और बीएसपी संस्थापक कांशीराम के नाम पर दलित समाज को 'हाईजैक' कर लिया है। लेकिन वह इन दोनों ही दलित नेताओं के बताए रास्ते पर बिल्कुल भी नहीं चलीं, बल्कि उन्होंने विपरीत आचरण किया।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर और कांशीराम जाति प्रथा की व्यवस्था को खत्म करना चाहते थे, जबकि मायावती ने इस व्यवस्था को और मजबूत किया। बीएसपी सम्भवत: देश का ऐसा पहला राजनीतिक दल है। इसने जातियों के आधार पर अपने संगठन की समितियां बनाईं। मायावती ने दलितों को गुमराह किया। भीम ज्योति यात्रा के जरिए कांग्रेस ने उनका पर्दाफाश किया है।
खत्री ने एक सवाल पर कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, सपा और बसपा में से किसी के भी साथ गठबंधन कतई नहीं करेगी। ये दोनों ही दल बीजेपी की गोद में खेल रहे हैं।
गत लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सहयोगी रहे राष्ट्रीय लोकदल और बिहार में साथी रहे जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के साथ किसी तरह के समझौते की संभावना संबंधी सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर ऐसी कोई संभावना है भी, तो उनका मानना है कि उन्हें उसे मीडिया से साझा नहीं करना चाहिए।
विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के सवाल पर खत्री ने कहा कि इसके लिए कवायद जारी है और आगामी जून तक इस बारे में काम मुकम्मल हो जाएगा। भीम ज्योति योजना के बारे में जिक्र करते हुए खत्री ने बताया कि इस यात्रा का मकसद अंबेडकर के नाम पर सियासत और खोखली नारेबाजी करने वाले दलों का पर्दाफाश करना तथा इस महान विभूति के विचारों को आम जनता तक पहुंचाना था।
उन्होंने बताया कि तीन चरणों की इस यात्रा के तहत उत्तर प्रदेश के 55 जिलों में 10 हजार किलोमीटर का सफर तय किया गया। इस दौरान एक हजार से ज्यादा नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने 'भीम ज्योति यात्रा' के तीसरे और अंतिम चरण के समापन अवसर पर लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि मायावती ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और बीएसपी संस्थापक कांशीराम के नाम पर दलित समाज को 'हाईजैक' कर लिया है। लेकिन वह इन दोनों ही दलित नेताओं के बताए रास्ते पर बिल्कुल भी नहीं चलीं, बल्कि उन्होंने विपरीत आचरण किया।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर और कांशीराम जाति प्रथा की व्यवस्था को खत्म करना चाहते थे, जबकि मायावती ने इस व्यवस्था को और मजबूत किया। बीएसपी सम्भवत: देश का ऐसा पहला राजनीतिक दल है। इसने जातियों के आधार पर अपने संगठन की समितियां बनाईं। मायावती ने दलितों को गुमराह किया। भीम ज्योति यात्रा के जरिए कांग्रेस ने उनका पर्दाफाश किया है।
खत्री ने एक सवाल पर कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, सपा और बसपा में से किसी के भी साथ गठबंधन कतई नहीं करेगी। ये दोनों ही दल बीजेपी की गोद में खेल रहे हैं।
गत लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सहयोगी रहे राष्ट्रीय लोकदल और बिहार में साथी रहे जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के साथ किसी तरह के समझौते की संभावना संबंधी सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर ऐसी कोई संभावना है भी, तो उनका मानना है कि उन्हें उसे मीडिया से साझा नहीं करना चाहिए।
विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के सवाल पर खत्री ने कहा कि इसके लिए कवायद जारी है और आगामी जून तक इस बारे में काम मुकम्मल हो जाएगा। भीम ज्योति योजना के बारे में जिक्र करते हुए खत्री ने बताया कि इस यात्रा का मकसद अंबेडकर के नाम पर सियासत और खोखली नारेबाजी करने वाले दलों का पर्दाफाश करना तथा इस महान विभूति के विचारों को आम जनता तक पहुंचाना था।
उन्होंने बताया कि तीन चरणों की इस यात्रा के तहत उत्तर प्रदेश के 55 जिलों में 10 हजार किलोमीटर का सफर तय किया गया। इस दौरान एक हजार से ज्यादा नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं।
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