
नदियों में स्नान करते लोग...
इलाहाबाद:
मौनी अमावस्या के पर्व पर आज देशभर की नदियों में लाखों लोगों ने आस्था और श्रद्धा की डुबकी लगाई. इलाहाबाद के संगम तट पर सुबह से ही लोग स्नान कर दान पुण्य करने लगे हैं. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर मान्यता है कि सृष्टि के पालक भगवान विष्णु बालक के रूप यानी बेनीमाधव के रूप में विद्यमान हैं और प्रलय के बाद सृष्टि की संरचना यहीं से करेंगे. तो ऐसे संगम तट पर माघ मास में मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और इसी पुण्य की प्राप्ति के लिए देशभर से आए श्रद्धालु संगम पर आस्था और विश्वास की डुबकी लगा रहे हैं.
मान्यता है कि आज के दिन मौन रखकर गंगा में स्नान कर दान करने से अक्षय पुण्य के साथ मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. यह भी कहते हैं कि आज ही के दिन अमृत की बूंद भी पृथ्वी पर गिरी थीं. लिहाजा आज के दिन गंगा में स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है. वाराणसी के दशश्वमेघ घाट पर इसी मोक्ष की लेकर लोग सुबह से स्नान कर रहे हैं. मकर संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण हो जाता है और आज के दिन पूर्ण उत्तरायण सूर्य जहां अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा लोगों में भरता है तो वहीं काशी में उत्तर की दिशा बहने वाली गंगा की धारा भक्तों को अक्षय पुण्य देती है. यही वजह है कि मौनी अमावस्या के मौके पर लोग स्नान दान कर रहे हैं.
मान्यता है कि आज के दिन मौन रखकर गंगा में स्नान कर दान करने से अक्षय पुण्य के साथ मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. यह भी कहते हैं कि आज ही के दिन अमृत की बूंद भी पृथ्वी पर गिरी थीं. लिहाजा आज के दिन गंगा में स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है. वाराणसी के दशश्वमेघ घाट पर इसी मोक्ष की लेकर लोग सुबह से स्नान कर रहे हैं. मकर संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण हो जाता है और आज के दिन पूर्ण उत्तरायण सूर्य जहां अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा लोगों में भरता है तो वहीं काशी में उत्तर की दिशा बहने वाली गंगा की धारा भक्तों को अक्षय पुण्य देती है. यही वजह है कि मौनी अमावस्या के मौके पर लोग स्नान दान कर रहे हैं.

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