पटना में सिलसिलेवार धमाके के बाद इसके मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के चाचा और जदयू नेता तक़ी अख्तर ने उससे किसी प्रकार का सरोकार होने से इनकार किया है।
समस्तीपुर के जदयू जिला महासचिव तक़ी अख्तर ने कहा कि वर्ष 2011 में मनियारी गांव स्थित पैतृक संपत्ति के बंटने के बाद से तहसीन और उसके परिवार से उनका कोई नाता नहीं रहा।
कल्याणपुर थाना में तक़ी ने एक शिकायत भी दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने कहा है कि तहसीन के घर छोड़ देने के बाद से उससे उनका कोई नाता नहीं रहा है।
तक़ी ने कहा कि अगर तहसीन आतंकवादी है तो सरकार को उसे कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।
बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के रक्सौल से हाल ही में गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद तहसीन को उक्त संगठन का दूसरा महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है तथा पटना में हुए सिलसिलेवार धमाका मामले के अनुसंधान तहसीन के उसके मुख्य साजिशकर्ता होने की ओर इशारा कर रहे हैं।
गत 27 अक्तूबर को भाजपा की हुंकार रैली को पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के संबोधित किए जाने के पूर्व पटना रेलवे स्टेशन और गांधी मैदान में हुए सात सिलसिलेवार धमाकों में छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 83 अन्य घायल हो गए थे।
ग्रामीणों ने बताया कि तहसीन के दादा मोहम्मद जहरुल हक सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक हैं और उसके पिता वसीम अख्तर अपने भाईयों में सबसे बड़े हैं जबकि तहसीन उनके तीन पुत्रों में सबसे बड़ा है।
किसानी का कार्य करने वाले वसीम अख्तर के दो छोटे भाई वर्तमान में अभी स्कूल में पढ़ रहे हैं। फरार तहसीन ने अपने गांव मनियारी स्थित हाई स्कूल से मैट्रिक किया था और वह इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी के लिए दरभंगा गया था जहां वह यासीन भटकल के संपर्क में आया तथा इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य बना।
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