तिरुवनंतपुरम:
एलडीएफ के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने सौर पैनल घोटाला मामले में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी से इस्तीफे की मांग करते हुए अपनी अनिश्चितकालीन मुहिम के तहत सरकारी सचिवालय का घेराव किया जो राजनीतिक रूप से अतिसक्रिय केरल में हुए सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक रहा।
पहले दिन विपक्ष की मुहिम शांतिपूर्ण रही और वामपंथी नेताओं ने बार-बार प्रयास किया कि कार्यकर्ता उग्र रूप धारण नहीं करें और सरकार आंदोलन को बाधित करने के लिए बल प्रयोग नहीं करे। हालांकि शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
पूरे प्रदेश से एकत्रित हुए एलडीएफ के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के तीन प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया और मामले में न्यायिक जांच समेत अपनी मांगों पर जोर देते रहे।
हालांकि पुलिस ने ‘छावनी’ द्वार पर स्थिति अपने नियंत्रण में कर ली जहां से चांडी, उनके कैबिनेट सहयोगी, अधिकारी और कर्मचारियों ने सचिवालय परिसर में प्रवेश किया।
सचिवालय में आज उपस्थित कम ही रही लेकिन महिला कर्मचारियों समेत जो लोग भी दफ्तर आये थे, वे बिना किसी अड़चन के अंदर जा सके। शहर में बुधवार तक शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है और शराब की बिक्री पर रोक है।
वाम दलों और उनके सहयोगी दलों के राष्ट्रीय नेताओं ने दो महीने से चल रहे अभियान को गति प्रदान करते हुए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। संबोधित करने वाले नेताओं में जेडीएस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, माकपा महासचिव प्रकाश करात, भाकपा के महासचिव सुधाकर रेड्डी के साथ विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन और माकपा के प्रदेश सचिव पिनारायी विजयन शामिल रहे।
पहले दिन विपक्ष की मुहिम शांतिपूर्ण रही और वामपंथी नेताओं ने बार-बार प्रयास किया कि कार्यकर्ता उग्र रूप धारण नहीं करें और सरकार आंदोलन को बाधित करने के लिए बल प्रयोग नहीं करे। हालांकि शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
पूरे प्रदेश से एकत्रित हुए एलडीएफ के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के तीन प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया और मामले में न्यायिक जांच समेत अपनी मांगों पर जोर देते रहे।
हालांकि पुलिस ने ‘छावनी’ द्वार पर स्थिति अपने नियंत्रण में कर ली जहां से चांडी, उनके कैबिनेट सहयोगी, अधिकारी और कर्मचारियों ने सचिवालय परिसर में प्रवेश किया।
सचिवालय में आज उपस्थित कम ही रही लेकिन महिला कर्मचारियों समेत जो लोग भी दफ्तर आये थे, वे बिना किसी अड़चन के अंदर जा सके। शहर में बुधवार तक शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है और शराब की बिक्री पर रोक है।
वाम दलों और उनके सहयोगी दलों के राष्ट्रीय नेताओं ने दो महीने से चल रहे अभियान को गति प्रदान करते हुए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। संबोधित करने वाले नेताओं में जेडीएस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, माकपा महासचिव प्रकाश करात, भाकपा के महासचिव सुधाकर रेड्डी के साथ विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन और माकपा के प्रदेश सचिव पिनारायी विजयन शामिल रहे।
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