मथुरा:
पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा मारे गए मथुरा के शहीद हेमराज की पत्नी से शुक्रवार को कोई अज्ञात व्यक्ति फौजी बनकर 10 लाख रुपये ठग ले गया। पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह करीब 25-वर्षीय एक व्यक्ति शहीद हेमराज के शेरनगर-खरार गांव में उसके घर पहुंचा। उसने अपना नाम अमित कुमार तथा खुद को हाथरस निवासी बताया। उसने अपना परिचय दिल्ली स्थित सेना भवन के एक कर्मी के रूप में दिया और शहीद की विधवा धर्मवती से कहा कि उसने आर्थिक मदद के रूप में मिले सारे पैसे अपने नाम से ही जमाकर रखे हैं, इसलिए उन पर सरकारी कर लग सकता है, इसलिये वह कुछ राशि बच्चों के नाम से तथा कुछ राशि अपने पास नकद रख ले, तो ऐसा होने से बचा जा सकता है।
इस पर धर्मवती, अपने चचेरे ससुर गजेंद्र सिंह तथा देवर भगवान सिंह को लेकर उक्त कथित फौजी के साथ छाता कस्बे में स्थित स्टेट बैंक की शाखा पहुंची। वहां उसने अपने खाते से 20 लाख रुपये निकाले। इनमें से उसने अपनी बच्ची के नाम से 10 लाख रुपये की एफडी करा दी तथा शेष 10 लाख रुपये निकालकर सभी व्यक्ति गांव की ओर लौट चले। धर्मवती के चचेरे ससुर गजेन्द्र और देवर भगवान सिंह अलग बाइक पर थे तथा वह स्वयं उक्त फौजी के साथ उसकी बाइक पर आ रही थी। रुपये से भरा बैग भी उसी के पास था।
रास्ते में बाइक में पेट्रोल डलवाने के बहाने कथित फौजी 10 लाख रुपये से भरा बैग लेकर चंपत हो गया। धर्मवती की तहरीर पर पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप यादव ने बताया कि बैंक से वीडियो फुटेज मंगाकर जांच की जा रही है। जैसा कि बताया जा रहा है कि ठगी करने वाला कथित फौजी भी वीडियो फुटेज में नजर आया है, उसकी पहचान के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अनुकंपा राशि मिलने के बाद पहले भी इस प्रकार के दो प्रयास किए जा चुके हैं। एक बार गैस एजेंसी के नाम पर तथा दूसरी बार फर्जी चेक बनाकर शहीद की विधवा के खाते से पैसा निकालने की कोशिश की गई थी, जिसे सूचना मिलने पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही कर बचा लिया। यादव ने कहा कि मामले की जांच शुरू हो गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह करीब 25-वर्षीय एक व्यक्ति शहीद हेमराज के शेरनगर-खरार गांव में उसके घर पहुंचा। उसने अपना नाम अमित कुमार तथा खुद को हाथरस निवासी बताया। उसने अपना परिचय दिल्ली स्थित सेना भवन के एक कर्मी के रूप में दिया और शहीद की विधवा धर्मवती से कहा कि उसने आर्थिक मदद के रूप में मिले सारे पैसे अपने नाम से ही जमाकर रखे हैं, इसलिए उन पर सरकारी कर लग सकता है, इसलिये वह कुछ राशि बच्चों के नाम से तथा कुछ राशि अपने पास नकद रख ले, तो ऐसा होने से बचा जा सकता है।
इस पर धर्मवती, अपने चचेरे ससुर गजेंद्र सिंह तथा देवर भगवान सिंह को लेकर उक्त कथित फौजी के साथ छाता कस्बे में स्थित स्टेट बैंक की शाखा पहुंची। वहां उसने अपने खाते से 20 लाख रुपये निकाले। इनमें से उसने अपनी बच्ची के नाम से 10 लाख रुपये की एफडी करा दी तथा शेष 10 लाख रुपये निकालकर सभी व्यक्ति गांव की ओर लौट चले। धर्मवती के चचेरे ससुर गजेन्द्र और देवर भगवान सिंह अलग बाइक पर थे तथा वह स्वयं उक्त फौजी के साथ उसकी बाइक पर आ रही थी। रुपये से भरा बैग भी उसी के पास था।
रास्ते में बाइक में पेट्रोल डलवाने के बहाने कथित फौजी 10 लाख रुपये से भरा बैग लेकर चंपत हो गया। धर्मवती की तहरीर पर पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप यादव ने बताया कि बैंक से वीडियो फुटेज मंगाकर जांच की जा रही है। जैसा कि बताया जा रहा है कि ठगी करने वाला कथित फौजी भी वीडियो फुटेज में नजर आया है, उसकी पहचान के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अनुकंपा राशि मिलने के बाद पहले भी इस प्रकार के दो प्रयास किए जा चुके हैं। एक बार गैस एजेंसी के नाम पर तथा दूसरी बार फर्जी चेक बनाकर शहीद की विधवा के खाते से पैसा निकालने की कोशिश की गई थी, जिसे सूचना मिलने पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही कर बचा लिया। यादव ने कहा कि मामले की जांच शुरू हो गई है।
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