काले धन का बचाव करने की कोई मंशा नहीं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का यह कदम मोहम्मद बिन तुगलक जैसा है : ममता बनर्जी

काले धन का बचाव करने की कोई मंशा नहीं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का यह कदम मोहम्मद बिन तुगलक जैसा है : ममता बनर्जी

खास बातें

  • मार्च के बाद राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौंपा जाएगा
  • आप सांसद भी इस मार्च में शामिल हुए
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला भी हुए शामिल
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के विरोध में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन कौंपने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी अपनी पार्टी के 44 सांसदों के साथ संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक एक किलोमीटर का पैदल मार्च किया.

बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि काले धन का बचाव करने की कोई मंशा नहीं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का यह कदम मोहम्मद बिन तुगलक जैसा है. नोटबंदी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के नेतृत्व में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन दिया है.
 

मार्च में शामिल आप नेता भगवंत मान और उमर अब्दुल्ला.

मार्च में शिवसेना और आप के सांसद भी शामिल हैं. इस मार्च में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला भी ममता का साथ देते नजर आए.

सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी इस मार्च में शिरकत की. मार्च में शिरकत के लिए खुद ममता बनर्जी ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला शिवसेना से पूछकर नहीं लिया गया है, जनता के हित के मुद्दे पर शिवसेना किसी के भी साथ जा सकती है. क्या ममता, क्या मुलायम? अपने दावे को और मजबूती से रखते हुए राउत ने याद दिलाया कि एक जमाने में ममता उनके साथ रही है और वे जनसमर्थन प्राप्त नेता हैं.

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