अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (Indo Islamic Cultural Foundation) ने अयोध्या के धन्नीपुर में अपनी प्रस्तावित परियोजना के नक्शे (Ayodhya Mosque Design)की ड्राइंग सोमवार को अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंप दी. हालांकि डो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन ने आयकर छूट का 80जी सर्टिफिकेट न मिलने पर चिंता जताई है. इस कारण ट्रस्ट को दान नहीं मिल पा रहा है. अयोध्या रामजन्म भूमि (Ram janm bhoomi) पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह जमीन यूपी सरकार की ओर से मस्जिद निर्माण के लिए सौंपी गई थी. मस्जिद के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया गया था.
अयोध्या फैसले के तहत धन्नीपुर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 5 एकड़ भूमि पर एक मस्जिद और अन्य सुविधाएं विकसित की जानी हैं. ट्रस्टी कैप्टन अफजाल अहमद खान ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट की प्रस्तावित परियोजना के बारे में चर्चा की. इसमें 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई जो रोजाना लगभग एक हजार लोगों को खिलाएगी, एक अनुसंधान केंद्र जो समर्पित है महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम और एक मस्जिद जो एक बार में दो हजार नमाजियों को समायोजित कर सकती है शामिल है.
उन्होंने बताया कि ग्यारह सेटों में नक्शे अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority)के उपाध्यक्ष विशाल सिंह को सौंपे गए है. ट्रस्ट ने मानचित्र की स्वीकृति के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में 89 हजार रुपये भी जमा करा दिए हैं. ट्रस्टी कैप्टन अफजाल ने बताया कि परियोजना का नक्शा आकार में बड़ा है और सामान्य मानचित्रों से बहुत अलग है. इसलिए इसे ऑनलाइन एप्लाई नहीं किया जा सका है, इसलिए अयोध्या विकास प्राधिकरण से मानचित्र को ऑफ़लाइन स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया है.
कैप्टन अफजाल ने आयकर विभाग द्वारा इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन को 80G का टैक्स छूट प्रमाणपत्र जारी न करने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने बताया इसके कारण ट्रस्ट के लिए दान रुका हुआ है. यह हमारी परियोजना को शुरू करने में बाधा बन रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
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