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This Article is From Oct 22, 2019

नए मोटर व्हीकल एक्ट पर अमल में दिल्ली-NCR फिसड्डी, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैये पर जताई नाराजगी

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को लेकर नए मोटर व्हीकल एक्ट के संशोधन पर अमल के लिए दिल्ली एनसीआर के राज्य भी अब तक फिसड्डी साबित हुए हैं.

नए मोटर व्हीकल एक्ट पर अमल में दिल्ली-NCR फिसड्डी, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैये पर जताई नाराजगी
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को लेकर नए मोटर व्हीकल एक्ट के संशोधन पर अमल के लिए दिल्ली एनसीआर के राज्य भी अब तक फिसड्डी साबित हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने EPCA की सिफारिश के बाद आदेश दिया था कि पहले वाहनों की उम्र और दशा की पहचान की जाए फिर उनसे निपटने के उपाए तलाशे जाएं. अब तक राज्य ऐसे वाहनों की पहचान के लिए आमराय से कोई तरीका भी विकसित नहीं कर पाए हैं. 

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10-15 साल पुरानी डीजल-पेट्रोल से चलने वाली नई और पुरानी गाड़ियों की पर कैसा स्टिकर लगे इस पर भी सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी नजर आई. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा अमल का तौर तरीका कैसा हो? स्टिकर की रंग योजना के बारे में कहा गया कि ब्लू (पेट्रोल/सीएनजी) ऑरेंज (डीजल) और ग्रीन (बैटरी/बिजली) के लिए होगा. 

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सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग ईंधनों से चालित वाहनों के लिए अलग कलर स्टिकर लगाने की योजना पर अमल के लिए दिल्ली, हरियाणा और यूपी से हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया. कोर्ट ने इसके लिए 8 नंवबर अगली तारीख तय की है. 

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