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This Article is From Oct 18, 2016

सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे 'संघ की शिक्षा' वाले मनोहर पर्रिकर के बयान पर मचा बवाल

सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे 'संघ की शिक्षा' वाले मनोहर पर्रिकर के बयान पर मचा बवाल
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
अहमदाबाद: सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान और विवादों का सिलसिला जारी है. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अहमदाबाद में निरमा यूनिवर्सिटी के 'Know my Army' कार्यक्रम में बोलते हुए सर्जिकल स्ट्राइक को RSS से जोड़ दिया. पर्रिकर ने कहा कि पीएम मोदी और वह अलग-अलग राज्यों से आते हैं और सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लेने के पीछे संघ की शिक्षा ही कॉमन है. सर्जिकल स्ट्राइक और संघ को जोड़ने के पर्रिकर के बयान पर कांग्रेस का कहना है कि यह सेना का अपमान है.

पर्रिकर ने कहा, मुझे इस मेल को लेकर हैरानी होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी के गृह राज्य से आते हैं और रक्षा मंत्री के रूप में मैं गोवा से हूं जहां कोई मार्शल रेस और सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई. यह हो सकता है कि आरएसएस की शिक्षा इसके मूल में थी, लेकिन यह बिल्कुल अलग तरह का मेल था.

वह यहां निरमा विश्वविद्यालय में ‘नो माए आर्मी :मेरी सेना को जानें:’ नाम के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. पर्रिकर ने इस लक्षित हमले पर संदेह जताने वालों की आलोचना करते हुए कहा कि सेना की कार्रवाई से भारतीय नागरिकों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है और जब यह कुछ करती है तो उस पर विश्वास किया जाना चाहिए. पर्रिकर ने किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा, लक्षित हमले के बाद से अब तक कुछ नेता सबूत मांग का रहे हैं. जब भारतीय सेना कुछ कहती है तो हमें उस पर विश्वास करना चाहिए. हमारी सेना दुनिया में सर्वश्रेष्ठ, पेशेवर, साहसी और सत्यनिष्ठ है. मुझे नहीं लगता कि यहां अहमदाबाद में उनसे (सेना से) कोई सबूत मांगेगा. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच-छह वर्षों से संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन हो रहा है, आंकड़े देख लीजिए. अंतर सिर्फ इतना है कि अब हम उन्हें करारा जवाब देते हैं.

(इनपुट्स भाषा से भी)

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