2-जी घोटाले के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पता था, यह कह रहे हैं पूर्व सीएजी विनोद राय, अपनी किताब में जिसका नाम है, 'नॉट जस्ट अकाउंटेंट'।
पूर्व सीएजी विनोद राय ने अपनी किताब में मनमोहन सिंह पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि 2जी घोटाले की ऑडिट रिपोर्ट से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बाहर रखने के लिए तीन कांग्रेसी नेताओं संजय निरुपम, अश्विनी कुमार और संदीप दीक्षित ने उन पर दबाव बनाया था।
विनोद राय उन दिनों सीएजी के चीफ थे, जो सरकार के खर्चे का हिसाब रखती है। राय ने कहा है कि पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और बिना नीलामी के कोल ब्लॉक आवंटन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बराबर के भागीदार थे। उन्हें इन घोटालों के बारे में सब पता था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मुंह नहीं खोला। अगर वह चाहते तो तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा को 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से रोक सकते थे। राय ने कहा कि मनमोहन पर गठबंधन की राजनीति का दबाव था और उनकी रुचि सिर्फ सत्ता में बने रहने की थी।
साथ ही विनोद राय ने यूपीए सरकार पर अपने फोन टैप करने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने पूर्व सीएजी विनोद राय के आरोपों को गलत बताया है और कहा कि वह झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज तक मैंने उनसे बात ही नहीं की है।
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