केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को सुझाव दिया कि लोगों के बीच टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए पूर्ण टीकाकरण कराने वाले परिवारों को कोविड-19 रोधी टीकों की दोनों खुराकों ले लेने की सूचना देने वाले घरों को स्टिकर दिए जाने चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मताबिक मंत्री ने देश के कोने-कोने तक कोविड टीकाकरण अभियान “हर घर दस्तक” को ले जाने के तरीकों पर चर्चा के लिए मंगलवार को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), नागरिक समाज समूहों (सीएसओ) और विकास साझेदारों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह सुझाव दिया.
सरकार ने हाल ही महीने भर चलने वाले ‘‘हर घर दस्तक'' अभियान की शुरुआत की थी जिसमें घर-घर जाकर उन लोगों को टीका लगाया जा रहा है जिन्होंने अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं लगवाई है या जिनकी दूसरी खुराक लगनी शेष है. मंडाविया ने कहा कि भारत के टीकाकरण कार्यक्रम जैसे व्यापक अभियान के लिए ''जन-भागीदारी'' आवश्यक है.
उन्होंने कहा, “भारत कोविड-19 संकट से गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज संगठनों की पहल की वजह से निकल पाया जिसने सरकार के प्रयासों को समर्थ किया ताकि सुनिश्चित हो सके कि कोविड लॉकडान के दौरान कोई भी भूखा पेट न सोए.” बयान के अनुसार, मंत्री ने 80 प्रतिशत आबादी और 40 प्रतिशत आबादी को क्रमशः टीके की पहली और दूसरी खुराक मिलने में भी उनके योगदान का उल्लेख किया.
मांडविया ने कहा कि सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी विशेषज्ञता और क्षमता के अनुसार काम करने वाले सभी हितधारकों की भागीदारी लोकतंत्र का सार है. उन्होंने टीकाकरण की पहुंच और कवरेज को आगे बढ़ाने में सरकार की मदद करने वाले विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.
बयान में कहा गया कि विकसित देशों का उदाहरण देते हुए जिनकी स्वास्थ्य प्रणाली और स्वास्थ्य लाभ प्रणाली वितरण कोविड-19 के कई लहरों की वजह से अपनी पूर्ण क्षमता तक इस्तेमाल हो चुकी हैं, कहा कि दोनों खुराक 100 प्रतिशत लोगों को देना कोविड-19 टीकाकरण अभियान को पूरा करने और भारत में वैश्विक महामारी समाप्त करने के लिए जरूरी है.
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उन्होंने कहा, “हमें सुनिश्चित करना होगा कि हर किसी को टीका लग चुका है.” बैठक में भागीदारों को सामुदायिक जागरूकता पैदा करने और टीकाकरण अभ्यास को ''जन आंदोलन'' में बदलने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. मंत्रालय ने बयान में कहा कि गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में दूसरी खुराक के महत्व को बातचीत में एक आवश्यक घटक के रूप में चिह्नित किया गया.
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