बीजेपी को घेरने के लिए लंबी और मोटी रस्सी बनाने में जुटीं ममता बनर्जी

दिल्ली में सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के बागी नेताओं से ममता बनर्जी ने की मुलाकात, कांग्रेस को भी तीसरे मोर्चे में जोड़ने के प्रयास

बीजेपी को घेरने के लिए लंबी और मोटी रस्सी बनाने में जुटीं ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने दिल्ली में सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के बागी नेताओं से मुलाकात की.

खास बातें

  • ममता बनर्जी ने कहा- कर्नाटक में कांग्रेस जीते
  • यूपी में अखिलेश और मायावती साथ रहें
  • बिहार में लालू-कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ें
नई दिल्ली:

ममता बनर्जी आज दिल्ली में सोनिया गांधी, केजरीवाल, और बीजेपी के बागी नेताओं से अलग-अलग मिलती रहीं. राजनीतिक दलों के नेताओं से उनकी मुलाकात का यह सिलसिला कल से जारी है.

अपने चार दिन के दौरे के दौरान धागा-धागा जोड़कर ममता बनर्जी एक बड़ी छतरी बनाने में जुटी हैं. बुधवार की शाम उन्होंने सोनिया गांधी से 10, जनपथ पर मुलाकात की. लंबी चली इस मुलाकात के बाद उन्होंने बाक़ायदा बीजेपी विरोधी राजनीति का खाका पेश कर दिया.

सोनिया से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा, "सोनिया गांधी के साथ राजनीति पर चर्चा हुई...हम चाहते हैं कि कांग्रेस भी एक साथ रहे, कांग्रेस भी इस पहल में हमारी मदद करे...हम चाहते हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस जीते, यूपी में अखिलेश और मायावती साथ रहें और बिहार में लालू-कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ें."

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इसके पहले वे केजरीवाल से मिलीं. आम आदमी पार्टी ने पहले ही फेडरल फ्रंट की मुहिम का समर्थन कर रखा है.आप के सांसद और नेता संजय सिंह ने एनडीटीवी से कहा, "मेरी व्यक्तिगत राय है कि फेडरल फ्रंट बनना चाहिए. यूपी में हाल के चुनावी नतीजों से साफ है कि विपक्ष एकजुट होगा तो बीजेपी को हराया जा सकता है."

बुधवार को सबसे पहले उन्होंने बीजेपी के तीन बागी नेताओं यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात की. इन्होंने समर्थन भी दिया, बीजेपी की हार का नुस्खा भी बताया. यशवंत सिन्हा ने ममता से मुलाकात के बाद कहा कि देश को बचाने के लिए ममता जो कोशिश कर रही हैं वो सराहनीय हैं और वे इस पहल का समर्थन करते हैं और करते रहेंगे. जबकि अरुण शौरी ने कहा, "एक से एक के मुकाबले के फार्मूले से मोदी को रोका जा सकता है. हर राज्य में किसी एक प्रभावशाली नेता पर सीटों का बंटवारा छोड़ देना चाहिए."

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता ये मानते हैं कि 2019 के चुनावों में अगर थर्ड फ्रंट और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो इससे विपक्ष कमज़ोर होगा और बीजेपी की इसका राजनीतिक फायदा मिलेगा. पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद पी भट्टाचार्य ने एनडीटीवी से यह बात कही.

हालांकि बीजेपी अब तक इस कोशिश को खामखयाली बताने में लगी है. बीजेपी के नेता और सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने एनडीटीवी से कहा, "ममता और कांग्रेस के बीच एक काल्पनिक जगह को लेकर लड़ाई चल रही है. फेडरल फ्रंट के लिए मौजूदा राजनीति में कोई जगह नहीं है."

VIDEO : बीजेपी के बागियों से मिलीं ममता

मंगलवार को भी ममता ने शरद पवार और रामगोपाल यादव समेत 14 दलों के नेताओं से बात की. जाहिर है, बीजेपी को घेरने-बांधने वाली रस्सी वो ज़्यादा से ज़्यादा लंबी और मोटी चाहती हैं.


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