
पश्चिम बंगाल में नदिया जिले के एक कांन्वेंट स्कूल में नन के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए आज गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफिले को रोक दिया।
मुख्यमंत्री ने विरोध प्रदर्शन को माकपा और भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि दोनों असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पुलिस को रोकना चाहते हैं।
शनिवार को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद ममता आज अस्पताल में भर्ती पीड़ित से मिलने के लिए नादिया जिले के रानाघाट गयी थीं। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को घेर लिया। प्रदर्शनकारियों में छात्र और स्थानीय लोग शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 34 को बाधित कर दिया। उन्होंने जब ममता के काफिले को आगे नहीं बढ़ने दिया तब गुस्साई मुख्यमंत्री कार से निकलकर आई और कहा, 'इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। यह एक साजिश है और प्रशासन को वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार करने से रोकने के लिए माकपा और भाजपा के साथ मिलकर की गयी एक करतूत है।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'रैली और विरोध प्रदर्शन के नाम पर कुछ राजनीतिक लोग यहां आ गए हैं। वे नहीं चाहते कि वास्तविक दोषी गिरफ्तार हों। मिशनरी शांति के लिए होते हैं। मिशनरी के आंदोलन को बदनाम मत कीजिए।'
ममता ने कहा, 'मैं यहां इंतजार कर रही हूं। मैं देखती हूं कि माकपा और भाजपा में कितना दम है। मैं उन्हें चुनौती देती हूं। मैं देखती हूं कि वह मेरे काफिले का घेराव कर मुझे कितनी देर तक रोककर रखते हैं। मैं उनसे डरती नहीं हूं। मैं माकपा और भाजपा को चुनौती देती हूं। मैं जन आंदोलन से ही निकली हूं। अगर वह मुझे मारना चाहते हैं तो उन्हें आने दीजिए। मैं हमेशा चाहूंगी कि बलात्कारियों को फांसी हो। जो अपराधी हैं, उन्होंने गलत किया है और हम उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेंगे।'
डीजीपी जीएमपी रेड्डी समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घेराव को लेकर बिल्कुल तैयार नहीं थे। सैकड़ों छात्रों और स्थानीय लोगों ने काफिले का घेराव कर पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
छात्र तख्तियां पकड़े हुई थीं जिनपर लिखा था 'हमें इंसाफ चाहिए' और 'बलात्कारियों को फांसी दो।' उन्होंने लगातार नारेबाजी की, जबकि पुलिस अधिकारी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गुस्साए प्रदर्शनकारियों को शांत करने में लगे थे।
अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों से हाथ जोड़कर शांत होने की अपील करते देखा गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक ना सुनी। करीब एक घंटे बाद काफिला दोबारा आगे बढ़ा।
ममता के काफिले को शाम सात बजकर पांच मिनट पर रोका गया। उस समय वह कार के आगे की सीट पर बैठी थीं और पार्टी सदस्यों और सरकारी अधिकारियों से बात कर रही थीं।
इससे पहले रानाघाट अस्पताल में पीड़ित से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। मैं सिस्टर से मिलने गई थी। उनकी हालत अब स्थिर है। मैंने आर्चबिशप से भी बात की।' ममता ने कहा, 'दो और सिस्टर भी घायल हुई हैं। मैं उनसे मिलीं। उनकी हालत अब बेहतर है।'
इससे पहले रानाघाट के लिए निकलने से पहले ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा था कि दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, 'जो लोग इस तरह का अपराध करते हैं वे इंसान नहीं होते। हमारी संवेदनाएं पीड़ित के साथ हैं जो हमारी मां की तरह हैं। दोषी समाज के उपर एक कलंक हैं।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं