चुनाव प्रचार से 24 घंटे के 'बैन' के फैसले को ममता बनर्जी ने बताया 'असंवैधानिक', कोलकाता में देंगी धरना

ममता ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक फैसले के विरोध में मैं कल (मंगलवार) दिन में 12 बजे से गांधी मूर्ति, कोलकाता में धरना पर बैठूंगी.’’

चुनाव प्रचार से 24 घंटे के 'बैन' के फैसले को ममता बनर्जी ने बताया 'असंवैधानिक', कोलकाता में देंगी धरना

चुनाव आयोग के फैसले को ममता बनर्जी ने असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया है

कोलकाता:

West Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उन्‍हें चुनाव प्रचार से 24 घंटे के लिए बैन करने के लिए चुनाव आयोग के फैसले को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया है.ममता बनर्जी ने कहा है कि वह आयोग के ‘‘असंवैधानिक फैसले'' के खिलाफ मंगलवार को कोलकाता में धरना देंगी. ममता ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक फैसले के विरोध में मैं कल (मंगलवार) दिन में 12 बजे से गांधी मूर्ति, कोलकाता में धरना पर बैठूंगी.'' गौरतलब है कि केंद्रीय बलों के खिलाफ ममता बनर्जी की टिप्पणी और कथित तौर पर धार्मिक लहजे वाले बयान के बाद निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किया था.

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निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में कहा है, ‘‘आयोग पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकने वाले ऐसे बयानों की निंदा करता है और ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी देते हुए सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के दौरान ऐसे बयानों का उपयोग करने से बचें.'' पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 27 मार्च से शुरू हुआ और आठ चरणों में हो रहे चुनाव के बाकी चार चरणों का मतदान 17 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच होगा. ममता को एक दिन के लिए चुनाव प्रचार से बैन करने का आदेश ऐसे समय आया है जब बंगाल में चार चरणों के लिए मतदान हो चुका है.

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इससे पहले, कूचबिहार जाने से रोके जाने के फैसले के खिलाफ भी ममता बनर्जी, चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जता चुकी हैं. कूचबिहार जाने से रोके जाने पर सीएम ममता ने ट्वीट करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का नाम बदलकर MCC यानी की मोदी कोड ऑफ कंडक्ट कर देना चाहिए. उन्होंने कहा था कि बीजेपी अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर ले लेकिन मुझे अपने लोगों के साथ खड़े होने और उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती है. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान पहली बार बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने हिंसाग्रस्त जिले में नेताओं के प्रवेश पर तीन दिनों की रोक लगाई थी.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)