West Bengal Assembly Elections 2021: चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 24 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगा दी है. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. बंगाल की सीएम ममता पर मुस्लिम वोटों और कथित तौर पर लोगों को केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ 'विद्रोह' करने के लिए उकसाने संबंधी कमेंट करने का आरोप है, उन्हें चुनाव आयोग की ओर से पिछले सप्ताह दो नोटिस भी जारी किए गए थे.चुनाव आयोग के '24 घंटे के बैन' के फैसले को ममता बनर्जी ने अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ, मंगलवार को कोलकाता में धरना देने का ऐलान किया है.
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ममता को एक दिन के लिए चुनाव प्रचार से बैन करने का आदेश, मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा का आखिरी फैसला है. यह फैसला ऐसे समय आया है जब बंगाल में चार चरणों के लिए मतदान हो चुका है.गौरतलब है कि सुशील चंद्रा अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं, वे मंगलवार को पदभार ग्रहण करेंगे. गौरतलब है कि बंगाल में आठ चरणों में वोटिंग होनी है, परिणाम दो मई को आएंगे.
To protest against the undemocratic and unconstitutional decision of the Election Commission of India, I will sit on dharna tomorrow at Gandhi Murti, Kolkata from 12 noon.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 12, 2021
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गौरतलब है कि कूचबिहार जाने से रोके जाने के फैसले के खिलाफ भी ममता बनर्जी, चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जता चुकी है. कूचबिहार जाने से रोके जाने पर सीएम ममता ने ट्वीट करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का नाम बदलकर MCC यानी की मोदी कोड ऑफ कंडक्ट कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर ले लेकिन मुझे अपने लोगों के साथ खड़े होने और उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती है. ममता के अनुसार, वो मुझे कूचबिहार के अपने भाइयों और बहनों से मिलने से तीन दिन रोक सकते हैं चौथे दिन मैं वहां उनके साथ मिलूंगी. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान पहली बार बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने हिंसाग्रस्त जिले में नेताओं के प्रवेश पर तीन दिनों की रोक लगाई थी. रविवार को टीएमसी ने ऐलान किया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करेंगी.इससे पहले केंद्रीय बलों द्वारा “आत्मरक्षा में” यह कदम उठाए जाने की दलील पर सवाल खड़ा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि उनकी सरकार इस घटना की सीआईडी जांच कराएगी.
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