फाइल फोटो
नई दिल्ली:
ममता सरकार द्वारा दुर्गा पूजा के लिए फंड देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई को तैयार हो गया है और अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगा. आपको बता दें कि बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया था. गुरुवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता के वकील ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर इसमें देरी हुई तो फिर रुपये दे दिए जाएंगे और फिर कुछ नहीं हो सकता.
ममता सरकार ने हरेक दुर्गापूजा समिति को दस-दस हज़ार रुपये अनुदान देने की घोषणा की थी. राज्य सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 28 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा था लेकिन हाईकोर्ट ने बुधवार को सरकारी योजना और कार्य मे दखल देने से इनकार कर दिया था.
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आपको बता दें कि राजधानी कोलकाता में तीन हजार वहीं पूरे राज्य में तकरीबन 28 हजार दुर्गा पूजा कमेटियां हैं. इस प्रकार दस-दस हजार रुपये की दर से करीब 28 करोड़ की मदद दुर्गा पूजा समितियों को दी जानी है. इतना ही नहीं ममता सरकार ने अन्य रियायतें भी देने की घोषणा की थी. मसलन, इस बार से पूजा कमेटियों से फायर लाइसेंस शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा और बिजली के बिल में छूट भी मिलेगी. कमेटियों को कोलकाता नगर निगम की ओर से मदद मुहैया कराई जाएगी.
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पहले भी हो चुका है विवाद
पिछले वर्ष मुहर्रम और दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन का वक्त एक साथ पड़ा था. इस दौरान दुर्गा पूजा मूर्तियों के विसर्जन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने तरह-तरह की बंदिशें लगाईं थीं. जिससे मामला कोलकाता हाई कोर्ट पहुंच गया था. बीजेपी ने इस दौरान हिंदुओं का अपमान करने और एक वर्ग के तुष्टीकरण का आरोप लगाया था. उस वक्त बहुसंख्यकों में इसको लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी की बात सामने आई थी. माना जा रहा है कि पिछले साल के हालात को देखते हुए इस बार ममता बनर्जी सरकार ने हिंदुओं को लुभाने के लिए दुर्गा पूजा कमेटियों को मदद की तैयारी की है.
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