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This Article is From Aug 14, 2017

मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस: कर्नल श्रीकांत पुरोहित और साध्‍वी प्रज्ञा के मामले में 17 अगस्‍त को SC में सुनवाई

NIA ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत का विरोध किया है. NIA ने अपने जवाब में कहा है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का मामला श्रीकांत पुरोहित से अलग है.

मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस: कर्नल श्रीकांत पुरोहित और साध्‍वी प्रज्ञा के मामले में 17 अगस्‍त को SC में सुनवाई
फाइल फोटो
मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 17 अगस्त को होगी. वहीं NIA ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत का विरोध किया है. NIA ने अपने जवाब में कहा है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का मामला श्रीकांत पुरोहित से अलग है. NIA ने अपने जवाब में कहा है कि पुरोहित के खिलाफ कई सबूत एकत्रित किए गए है. दरअसल कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका दाखिल की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने NIA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

बांबे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका रद्द कर दी थी. बांबे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी. इस आधार पर ही कर्नल पुरोहित ने अपनी याचिका में पेरिटी के आधार पर जमानत मांगी है. याचिका में कर्नल पुरोहित ने कहा है कि वो आठ साल से जेल में बंद हैं. इस मामले में बांबे हाई कोर्ट ने सही फैसला नहीं दिया है. हाई कोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी लेकिन उनको जमानत देने से इनकार कर दिया. इसलिए उन्हें भी समानता के आधार पर जमानत दे दी जाए.

याचिका में ये भी कहा है कि हाई कोर्ट ने सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट पर गौर नहीं किया जिसमें कहा गया है कि वो सेना के लिए इंटेलीजेंस का काम करते थे.

साध्‍वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ याचिका
वहीं 2008 का मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. बांबे हाई कोर्ट के जमानत देने और मकोका प्रावधान हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. ब्लास्ट में मारे गए युवक के पिता ने याचिका में हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए रोक लगाने की मांग की है.

बांबे हाई कोर्ट का फैसला
इसी साल 25 अप्रैल को 2008 के मालेगांव धमाका केस में बांबे हाई कोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल गई थी. हाई कोर्ट ने प्रज्ञा पर लगाई गई मकोका धारा को भी हटा दिया था. जिसके बाद मकोका के तहत जुटाए गए सबूत भी केस से निकाल दिए गए. हालांकि इस मामले में कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत देने से इंकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख रुपये की जमानत राशि और अपना पासपोर्ट NIA को जमा कराने और साथ ही ट्रायल कोर्ट में हर तारीख पर पेश होने के आदेश दिए थे. पीठ ने उसे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जब भी जरूरत हो तो एनआईए अदालत में रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है.''

मालेगांव धमाका केस
2008 में हुए मालेगांव धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और तकरीबन 100 लोग जख्मी हो गए थे. 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे. साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था.
 

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