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This Article is From Mar 29, 2022

6 महीनों में बढ़ सकते हैं मकानों के दाम, घर खरीदार चाहते हैं डिस्काउंट और फ्लेक्सी पेमेंट प्लान : सर्वे

रिपोर्ट में कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 47 प्रतिशत लोग निवेश के अन्य साधनों शेयर, सोना एवं सावधि जमा के बजाय रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं.

6 महीनों में बढ़ सकते हैं मकानों के दाम, घर खरीदार चाहते हैं डिस्काउंट और फ्लेक्सी पेमेंट प्लान : सर्वे
घर खरीदारों को कीमतों में छूट और लचीली भुगतान योजनाओं की चाहत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

घर खरीदने की योजना बना रहे करीब आधे लोगों का मानना है कि निर्माण लागत बढ़ने से अगले 6 महीनों में आवासीय इकाइयों की कीमतें बढ़ सकती हैं. इसके साथ ही 73 फीसदी लोग घरों की खरीद पर छूट और लचीली भुगतान योजनाएं भी चाहते हैं. आवासीय पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम और रियल एस्टेट संगठन नारेडको के एक साझा सर्वेक्षण में यह रुझान सामने आया है. यह सर्वेक्षण वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 3,000 से अधिक लोगों से ली गई राय पर आधारित है.

हाउसिंग डॉट कॉम ने सोमवार को जारी 'आवासीय उपभोक्ता धारणा परिदृश्य जनवरी-जून 2022' रिपोर्ट में कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 47 प्रतिशत लोग निवेश के अन्य साधनों शेयर, सोना एवं सावधि जमा के बजाय रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं. वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में यह अनुपात सिर्फ 35 प्रतिशत था.

हाउसिंग डॉट कॉम के अलावा मकान डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, 'कोविड महामारी ने हर एक व्यक्ति के लिए अपने घर की जरूरत बढ़ा दी है. अब लोग बड़ा और बेहतर घर चाहते हैं. हमारे आंकडे बताते हैं कि वर्ष 2021 में घरों की बिक्री 13 प्रतिशत बढ़ गई. हमारा मानना है कि वर्ष 2022 में घरों की बिक्री कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी.'

इस सर्वेक्षण में शामिल रियल एस्टेट संगठन नारेडको के अध्यक्ष राजन बंदेलकर भी कहते हैं कि लोग भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ अपनी आमदनी बढ़ने को भी लेकर आशांवित हैं. उन्होंने कहा कि इससे घरों की मांग मजबूत बने रहने की उम्मीद है.

सर्वेक्षण के मुताबिक, 51 प्रतिशत लोगों को लगता है कि आने वाले छह महीनों में घरों की कीमतें बढ़ सकती हैं. वहीं 73 प्रतिशत लोग घरों की खरीद की योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कीमतों में छूट और लचीली भुगतान योजनाओं की उम्मीद कर रहे हैं.

इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सरकार आवासीय ऋण की ब्याज दरों पर दी जाने वाली कर छूट बढ़ाए और निर्माण सामग्री पर जीएसटी की दरों में कटौती करे. इसके अलावा छोटे डेवलपरों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के भी इंतजाम किए जाने चाहिए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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