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This Article is From Apr 08, 2016

गुड़ी पड़वा पर इस लोकप्रिय घाट में पानी नहीं, 130 साल में पहली बार सूखे की कगार पर...

गुड़ी पड़वा पर इस लोकप्रिय घाट में पानी नहीं, 130 साल में पहली बार सूखे की कगार पर...
नासिक: महाराष्ट्र में गोदावरी नदी का रामकुंड जहां हजारों श्रद्धालु गुड़ी पड़वा के दिन स्नान करते हैं। लेकिन इस बार सिर्फ इन तीर्थयात्रियों के घुटने ही पानी तक पहुंच पाएंगे क्योंकि नासिक का यह कुंड पिछले 130 साल में पहली बार सूखने की कगार पर है। गुरुवार को कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें कहा गया है कि राज्य सूखे की मार झेल रहा है, ऐसे में आईपीएल की पिच तैयार करने के लिए पानी का इस्तेमाल कितना सही है।

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आईपीएल से सूखा नहीं निपटेगा : वीवीएस लक्ष्मण
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नासिक नगर निगम के डिप्टी मेयर गुरमीत बग्गा ने कहा 'जुलाई के अंत तक रामकुंड आने वाले हजा़रों श्रद्धालु पवित्र स्नान नहीं कर पाएंगे।' बग्गा ने कहा की सीमेंट से ढक चुका रामकुंड अब क्रिकेट और फुटबॉल खेलने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। ऐसा समझा जा रहा है कि नगर निगम को अब नदी के इस ताल को दोबारा भरने का कोई चारा नहीं दिखाई दे रहा है। नासिक में कुंभ मेले के दौरान रामकुंड एक अहम स्थल होता है और इसे दोबारा जीवित करने के लिए अब बोरवेल का सहारा लिया जा सकता है।

धार्मिक अनुष्ठान के लिए पानी -----
पुरोहित संघ ने नगर निगम से अपील की है कि शुक्रवार को गुड़ी पड़वा के दिन पानी का इंतजाम करें ताकि वह इस मौके पर धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कर सकें। बग्गा ने बताया की इस वक्त नासिक के लोगों को नगर निगम द्वारा 100 लीटर पानी प्रति व्यक्ति दिया जा रहा है। बहुत जल्द पानी की कमी से यह मात्रा कम हो सकती है। डिप्टी मेयर कहते हैं 'हमारा टार्गेट है कि जुलाई के तीसरे हफ्ते तक हम पानी को बचा पाएं, तब तक बारिश शुरू हो जाएगी और मध्य अगस्त तक एक बार फिर तालाबों में पानी भर जाएगा।'

राज्य के काफी हिस्से सूखे से परेशान हैं, ऐसे में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम ने मुंबई के पास ठाणे में 60 घंटे प्रति हफ्ते के हिसाब से पानी की सप्लाई को बंद करने की घोषणा की है। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा की अब महाराष्ट्र में पानी की आपातकाल स्थिति बन गई है और इसे पटरी पर लाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। गौरतलब है की कोर्ट में दायर इस याचिका में सूखे से ग्रसित राज्य में आईपीएल मैचों के आयोजन का विरोध किया गया है क्योंकि ग्राउंड को तैयार करने के लिए लाखों लीटर पानी की जरूरत होती है।

तीखी आलोचना करते हुए जजों ने बीसीसीआई से कहा - यह प्राथमिकता का सवाल है...खेल पहले है या लोग...क्या जब लोग मर रहे हो तब आप स्टेडियम और गार्डन की देखरेख करते रहेंगे? क्या आप यह कहना चाह रहे हैं?

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