महाराष्ट्र के गोंदिया में पिछड़े वर्ग की एक महिला को जिंदा जला दिया गया है। वारदात रविवार शाम की है। जब कासा गांव की रहने वाली फूलवंता जमरे नाम की महिला खेत में जलती हुई मिली। लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन उसे बचा नहीं पाए।
लोंगों का कहना है कि छेड़खानी का विरोध करने पर कुछ मनचलों ने उसे आग के हवाले कर दिया। महिला की मौत की ख़बर सुनकर उसके बीमार ससुर की भी मौत हो गई है। महिला की मौत के बाद से इलाके में तनाव है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर के जावखेड गांव में दलित परिवार की हत्या का मामला अभी सुलझ भी नहीं पाया है कि गोंदिया में एक दलित महिला को जिंदा जला दिया गया। आसपास में उनका झोला और उसमें खरीदी गई सब्जी और बाकी सामान बिखरे पडे हुये मिले।
लोगों का कहना है कि जमरे बगल के काटी गांव की साप्ताहिक बाजार से सब्जी लेकर लौट रही थी। अंदाजा लगाया जा रहा है कि तभी उन्हें अकेला देख कुछ मनचलों ने छेड़खानी की होगी और विरोध करने पर खेत में रखे घास के ढेर में जिंदा जला दिया।
पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है, लेकिन अभी तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला है।
मृतका के पति शिवचरण के मुताबिक पिता बीमार थे, इसलिए वह पत्नी के साथ साप्ताहिक बाजार नहीं जा पाए थे। इस हत्याकांड को लेकर इलाके में तनाव है।
इस समस महाराष्ट्र में अहमद नगर दलित परिवार की हत्या को लेकर रोजाना विरोध प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में एक और दलित महिला की हत्या आग में घी डालने का काम करेगी।
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