प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
उपनगरीय लोकल ट्रेन में व्यस्त समय में भीड़भाड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार कार्यालय के समय में बदलाव करने पर विचार कर रही है। यह जानकारी आज बंबई हाईकोर्ट को दी गई। न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और एए सईद की खंडपीठ यात्रियों की सुरक्षा, उनको उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोकल ट्रेन में आरक्षित सीट उपलब्ध कराने के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट ने दिया था इस बारे में सुझाव
पहले की सुनवाई में अदालत ने सुझाव दिए थे कि कार्यालय के समय में परिवर्तन किया जाए जो सामान्यत: सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक होता है। अदालत ने कहा था, 'अगर कुछ विभाग सुबह 11 बजे के बाद काम करना शुरू करें तो कैसा रहेगा? कुछ अधिकारी छुट्टी के दिनों में काम करें और काम के दिनों में छुट्टी करें।'
सरकारी वकील ने सुझाव को बताया व्यावहारिक
सरकारी वकील पीपी ककाड़े ने आज अदालत से कहा कि सुझाव व्यावहारिक हैं और सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। ककाड़े ने अदालत से कहा, 'दफ्तरों के वक्त में आधे घंटे के बदलाव पर विचार किया जा रहा है। हर विभाग के प्रधान सचिवों से कहा गया है कि इस पर गौर करें और अपने सुझाव दें।'
स्वच्छ शौचालय और पेयजल जैसी मूल सुविधाएं मुहैया कराने के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि अगर रेलवे के अधिकारी इन सुविधाओं को मुहैया कराने और देखरेख करने की स्थिति में नहीं हैं तो वे इन्हें आउटसोर्स कर सकते हैं।
कोर्ट ने दिया था इस बारे में सुझाव
पहले की सुनवाई में अदालत ने सुझाव दिए थे कि कार्यालय के समय में परिवर्तन किया जाए जो सामान्यत: सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक होता है। अदालत ने कहा था, 'अगर कुछ विभाग सुबह 11 बजे के बाद काम करना शुरू करें तो कैसा रहेगा? कुछ अधिकारी छुट्टी के दिनों में काम करें और काम के दिनों में छुट्टी करें।'
सरकारी वकील ने सुझाव को बताया व्यावहारिक
सरकारी वकील पीपी ककाड़े ने आज अदालत से कहा कि सुझाव व्यावहारिक हैं और सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। ककाड़े ने अदालत से कहा, 'दफ्तरों के वक्त में आधे घंटे के बदलाव पर विचार किया जा रहा है। हर विभाग के प्रधान सचिवों से कहा गया है कि इस पर गौर करें और अपने सुझाव दें।'
स्वच्छ शौचालय और पेयजल जैसी मूल सुविधाएं मुहैया कराने के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि अगर रेलवे के अधिकारी इन सुविधाओं को मुहैया कराने और देखरेख करने की स्थिति में नहीं हैं तो वे इन्हें आउटसोर्स कर सकते हैं।
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