महाराष्ट्र में कैसे पलट गई बाजी, कैसे फिर से सीएम की कुर्सी पर पहुंचे फडणवीस? यह है पर्दे के पीछे का खेल

उद्धव ठाकरे सीएम की कुर्सी पर बैठने का ख्वाब पूरा करने की तैयारी में जुटे थे तो दूसरी तरफ ठीक उसी वक्त देवेंद्र फडणवीस को फिर से सत्तासीन करने की कहानी लिखी जा रही थी

महाराष्ट्र में कैसे पलट गई बाजी, कैसे फिर से सीएम की कुर्सी पर पहुंचे फडणवीस? यह है पर्दे के पीछे का खेल

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजित पवार.

खास बातें

  • महाराष्‍ट्र में बीजेपी की गुगली से फिर एक बार फडणवीस सरकार
  • शुक्रवार की शाम को एनसीपी नेता अजित पवार राज्यपाल के पास पहुंचे
  • पवार ने 54 विधायकों के हस्ताक्षर वाली सूची राज्यपाल को सौंप दी
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी उठापटक के बीच बड़ा उलटफेर हुआ और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दोबारा सीएम पद की शपथ ले ली. उनके साथ आए एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली. सुबह करीब आठ बजे राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. सत्ता के लिए बीजेपी (BJP) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार के बीच हुई डील बहुत गोपनीय तरीके से हुई. वास्तव में महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक तरफ शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे सीएम की कुर्सी पर बैठने का ख्वाब पूरा करने की तैयारी में जुटे थे तो दूसरी तरफ ठीक उसी वक्त देवेंद्र फडणवीस को फिर से सत्तासीन करने की कहानी लिखी जा रही थी.         

शुक्रवार को देर रात तक महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कही जा रही थी. तीनों दल उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने पर सहमत भी हो गए थे और चर्चा थी कि यह तीनों दल शनिवार को औपचारिक तौर पर राज्यपाल से मिलकर दावा पेश करेंगे. लेकिन इसी बीच शनिवार की सुबह बड़ा उलटफेर हो गया. सीएम पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा ''लोगों ने हमें एक स्पष्ट जनादेश दिया था. राज्य में एक स्थिर सरकार की जरूरत है, किसी खिचड़ी सरकार की नहीं. इसीलिए बीजेपी और एनसीपी साथ आए हैं. हम राज्य को एक स्थिर सरकार देंगे. जरूरत पड़ी तो विधानसभा में बहुमत भी साबित करेंगे.''

महाराष्ट्र में इस राजनीतिक उलटफेर में पर्दे के पीछे का खेल रोचक है. शुक्रवार को एक तरफ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच सरकार के गठन को लेकर मंथन जहां अंतिम दौर में चल रहा था, पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि कुछ चर्चा बाकी है जो कल (शनिवार) को पूरी हो जाएगी, वहीं दूसरी तरफ इसके समानांतर बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार को साथ लेकर सत्ता पाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया था. बीजेपी सूत्रों की मानें तो यह पर्दे के पीछे का खेल बहुत गोपनीय तरीके से खेला गया.  

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सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार की शाम को एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार राज्यपाल के पास पहुंचे. पवार के पास 54 विधायकों के हस्ताक्षर वाली सूची थी. अजित पवार ने फडणवीस को समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा. इसके बाद देर शाम को देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया. फडणवीस ने 173 विधायकों के समर्थन का दावा किया. देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के 54, निर्दलीय 14 और अन्य के समर्थन का दावा किया. एनसीपी का समर्थन पत्र मिलने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी इस बात से संतुष्ट हो गए कि देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा है. रात 12 बजे ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में लोकतांत्रिक सरकार के गठन का रास्ता साफ करने के लिए राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय लिया और केंद्र को राज्य में गठबंधन सरकार बनने के हालात बनने की जानकारी देते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश भेज दी.

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इसके बाद सुबह 5.45 बजे के आसपास राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन हटाने की जानकारी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दी गई. सुबह 6:00 बजे के आसपास राज्यपाल ने सुबह देवेंद्र फडणवीस सरकार की शपथ कराने का निर्णय लिया. सुबह 6:30 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार को शपथ ग्रहण कराने की अर्जी भेजी गई. अर्जी में सुबह ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का निवेदन भी था. सुबह 6:45 बजे देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से निवेदन किया कि वे मुख्यमंत्री और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राज्यपाल को बीजेपी की तरफ से शपथ ग्रहण की अर्जी मिलने के बाद ही राज्यपाल ने सुबह 8 बजकर 07 मिनट पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की शपथ ग्रहण कराई.

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महाराष्‍ट्र की सियासी उठापठक पर कई सवाल खड़े हुए जिसकी जानकारी अब निकलकर बाहर आ रही है. कांग्रेस और शिवसेना के नेता आराम करते रह गए और राज्‍य में सरकार बनने की पूरी कहानी लिख दी गई. यह कहानी रात 11:45 बजे शुरू हुई. इस वक्त अजित पवार ने बीजेपी के साथ डील पर मुहर लगाई और इसकी सूचना देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी प्रमुख को दी. शपथ ग्रहण की तैयारी की जानकारी कांग्रेस और शिवसेना को न हो इसका पुख्ता इंतजाम कर लिया गया.

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इससे पहले राज्‍यपाल दिल्‍ली की अपनी यात्रा रद्द कर चुके थे. रात दो बजे के करीब राज्‍यपाल के सचिव को बहुमत की जानकारी दी गई और यह अनुरोध किया गया कि राष्‍ट्रपति शासन हटाने के लिए आवश्‍यक कार्यवाही की जाए. राज्‍यपाल सचिव की तरफ से कहा गया कि दो घंटे में राष्ट्रपति शासन हटाने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. सुबह 7:30 बजे तक शपथग्रहण की व्यवस्था हो जाएगी.

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इसके बाद दोनों नेताओं की शपथ के साथ सर्दियों की सुबह आंखें खोलते महाराष्ट्र में नई सरकार अस्तित्व में आ गई. महाराष्ट्र में सत्ता के उलटफेर का खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. फिलहाल एनसीपी के सात विधायक महाराष्ट्र से दिल्ली रवाना हो गए हैं. अब फ्लोर टेस्ट के लिए उठापटक जारी है. विधायकों की संख्या जुटाने के लिए यह अंतिम जोड़तोड़ है, जो फिलहाल चलेगी.

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