याकूब मेमन की 2012 की तस्वीर
नागपुर:
नागपुर में मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाकों को दोषी याकूब मेमन को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई है।
महाराष्ट्र पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि याकूब के शरीर को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। परिजनों ने यह मांग की थी जिसे महाराष्ट्र पुलिस ने स्वीकार कर लिया है। परिजनों की इच्छा थी कि वह मुंबई ले जाकर याकूब का अंतिम संस्कार करेंगे।
जेल सूत्र बता रहे हैं कि परिजनों से यह पहले ही लिखित में ले लिया गया है कि वह मामले पर ज्यादा कुछ सार्वजनिक रूप से डिस्प्ले नहीं करेंगे।
इससे पहले जेल सूत्रों से खबरें आई थीं कि याकूब को किसी अज्ञात स्थान पर दफना दिया जाएगा। सूत्र यह भी कह रहे थे कि जेल में याकूब को नहीं दफनाया जाएगा। याकूब को वहां पर दफनाया जाएगा जहां पर आरएसएस मुख्यालय में हमला करने वालों को दफनाया गया था।
जानकारी दे दें कि जेल मैनुअल के अनुसार यह अधिकार जेल अधीक्षक का होता है कि वह शरीर दे या फिर कहीं दफनाने का आदेश दे दे।
वहीं, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याकूब के डेथ वारेंट पर जब सुनवाई जारी थी तब नागपुर के सीताबर्डी स्थित द्वारका होटल में मेमन परिवार में सबसे बड़े भाई सुलेमान और उस्मान (चचेरा भाई) पूरे दिन खबरिया चैनल ही देखते रहे।
होटल के सूत्रों ने बताया कि दोनों अपने-अपने कमरों में बैठकर केवल न्यूज चैनल ही देखते रहे। एक भाई पहली मंजिल पर ठहरा हुआ था दूसरा चौथी मंजिल पर।
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया दोनों होटल से निकलकर जेल की ओर निकले। जेल से मिली जानकारी के अनुसार, सुलेमान जेल के भीतर याकूब से मिलने गए हैं जबकि उस्मान वेटिंग रूम में इंतजार कर रहा था।
इससे पहले आज सुलेमान ने सुबह मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। अल्लाह सब ठीक करेंगे। वहीं उस्मान ने होटल के कर्मचारियों को साफ कह दिया कि वह किसी से बात नहीं करना चाहता और फैसला आने बाद भी उसने किसी से बात नहीं की। उधर, सुलेमान ने कहा कि अब उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए और फिर वह जेल की ओर निकल गए।
महाराष्ट्र पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि याकूब के शरीर को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। परिजनों ने यह मांग की थी जिसे महाराष्ट्र पुलिस ने स्वीकार कर लिया है। परिजनों की इच्छा थी कि वह मुंबई ले जाकर याकूब का अंतिम संस्कार करेंगे।
जेल सूत्र बता रहे हैं कि परिजनों से यह पहले ही लिखित में ले लिया गया है कि वह मामले पर ज्यादा कुछ सार्वजनिक रूप से डिस्प्ले नहीं करेंगे।
इससे पहले जेल सूत्रों से खबरें आई थीं कि याकूब को किसी अज्ञात स्थान पर दफना दिया जाएगा। सूत्र यह भी कह रहे थे कि जेल में याकूब को नहीं दफनाया जाएगा। याकूब को वहां पर दफनाया जाएगा जहां पर आरएसएस मुख्यालय में हमला करने वालों को दफनाया गया था।
जानकारी दे दें कि जेल मैनुअल के अनुसार यह अधिकार जेल अधीक्षक का होता है कि वह शरीर दे या फिर कहीं दफनाने का आदेश दे दे।
वहीं, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याकूब के डेथ वारेंट पर जब सुनवाई जारी थी तब नागपुर के सीताबर्डी स्थित द्वारका होटल में मेमन परिवार में सबसे बड़े भाई सुलेमान और उस्मान (चचेरा भाई) पूरे दिन खबरिया चैनल ही देखते रहे।
होटल के सूत्रों ने बताया कि दोनों अपने-अपने कमरों में बैठकर केवल न्यूज चैनल ही देखते रहे। एक भाई पहली मंजिल पर ठहरा हुआ था दूसरा चौथी मंजिल पर।
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया दोनों होटल से निकलकर जेल की ओर निकले। जेल से मिली जानकारी के अनुसार, सुलेमान जेल के भीतर याकूब से मिलने गए हैं जबकि उस्मान वेटिंग रूम में इंतजार कर रहा था।
इससे पहले आज सुलेमान ने सुबह मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। अल्लाह सब ठीक करेंगे। वहीं उस्मान ने होटल के कर्मचारियों को साफ कह दिया कि वह किसी से बात नहीं करना चाहता और फैसला आने बाद भी उसने किसी से बात नहीं की। उधर, सुलेमान ने कहा कि अब उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए और फिर वह जेल की ओर निकल गए।
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