क्या 'पीटर फैक्टर' की वजह से अब सीबीआई करेगी शीना बोरा केस की जांच...

क्या 'पीटर फैक्टर' की वजह से अब सीबीआई करेगी शीना बोरा केस की जांच...

शीना बोरा (फाइल फोटो)

मुंबई:

महाराष्ट्र सरकार ने सनसनीखेज शीना बोरा हत्याकांड की जांच शुक्रवार को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया ताकि बिना किसी पूर्वाग्रह या हस्तक्षेप के जांच हो सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी ने एक संवाददाता सम्मेलन में फैसले की घोषणा की। इससे 10 दिन पहले जांच पर निगरानी रखने में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की भूमिका को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी, जब मारिया की जगह 8 सितंबर को अहमद जावेद को मुंबई पुलिस का नया प्रमुख बनाया गया था।

बख्शी के मुताबिक ऐसे आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि नए पुलिस प्रमुख अहमद जावेद की इंद्राणी के पति और मीडिया उद्योगपति पीटर मुखर्जी से कथित तौर पर काफी नज़दीकियां हैं। बख्शी ने केस को सीबीआई के हवाले करने के इस फैसले के पीछे 'मीडिया के सवालों' को भी कुछ हद तक जिम्मेदार ठहराया है।

मुंबई के इस चर्चित शीना बोरा हत्याकांड में रसूखदार लोगों के शामिल होने की वजह से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। जहां इस मामले में मुंबई पुलिस पर पहले ढिलाई बरतने के आरोप लगे वहीं बाद में महाराष्ट्र सरकार पर ही सीधा जांच में दखल देने का आरोप लगा।
 

(इंद्राणी मुखर्जी और पीटर)

रसूखदार लोगों से जुड़ा है मामला
यह हत्याकांड मीडिया ताइकून पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और उनका एक ड्राइवर आरोपी है। पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है और सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
 

(पुलिस के बीच इंद्राणी मुखर्जी)

मां, मां के पूर्व पति और ड्राइवर पर है आरोप
उल्लेखनीय है कि शीना बोरा (24) की कथित रूप से हत्या उसकी ही मां इंद्राणी मुखर्जी, सौतेले पिता संजीव खन्ना और कार के ड्राइवर ने अप्रैल 2012 में मुंबई में की थी।

बता दें कि आरोप है कि शीना के शव को पूरी रात मीडिया टाइकून और इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी के घर पर कार में ही रातभर रखा गया था। अगली सुबह कार में ही लाश को लेकर ये तीनों आरोपी मंबई से 80 किलोमीटर दूर रायगढ़ के जंगलों में गए और कथित रूप से आग के हवाले कर दिया।
 

(रायगढ़ के जंगल का वो इलाका जहां मिली थी लावारिस लाश)

अधजली हालत में मिली थी लाश
करीब एक महीने बाद अधजली हालत में लाश को कुछ गांववालों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने लाश को लावारिश घोषित कर दिया और दफना दिया।

डीएनए जांच से साबित हुई शीना की पहचान
इस हत्याकांड में लगी मुंबई पुलिस का अब दावा है कि बरामद लाश से मिले अवशेष का डीएनए टेस्ट कराया गया है जिससे यह साबित हो गया है कि वह शीना बोरा की लाश थी।


इंद्राणी ने सबको बताया अमेरिका में है शीना
उल्लेखनीय है कि शीना बोरा के बारे में इंद्राणी ने उसके जानने वालों को यही बताया था कि वह अमेरिका चली गई है, आगे की पढ़ाई के लिए। इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी से भी पुलिस ने इस हत्याकांड के सिलसिले में पूछताछ की थी। पुलिस ने इन दोनों द्वारा बनाई की मीडिया कंपनी के लेन-देन के बारे में भी जानकारी हासिल की थी।
 
(शीना और राहुल)

शीना और राहुल में थे संबंध
गौरतलब बात यह भी रही कि पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल मुखर्जी और शीना बोरा में संबंध थे और दोनों की सगाई भी हो गई थी। कहा जाता है कि इंद्राणी को राहुल से शीना के संबंधों पर ऐतराज था और वह इस बात से शीना को रोक रही थी।

बेटी को बहन बताती थी इंद्राणी
कहा जाता है कि शीना बोरा को उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी अपनी छोटी बहन बताया करती थी। लोगों से उसने शीना का यही परिचय कराया था। यहां तक की अपने तीसरे पति पीटर मुखर्जी से भी इंद्राणी ने शीना की यही पहचान बताई थी।
 


मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया का हुआ तबादला
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया का ट्रांसफर समय से पहले कर दिया गया। आरोप लगा कि मामले में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी दिखाने के कारण राकेश मारिया का ट्रांसफर सरकार ने कर दिया है।

सूत्र बताते हैं कि मारिया का मानना था कि इस मामले में जिसमें तमाम रसूखदार लोग और पैसे वाले लोगों का लेना-देना रहा है। इसके खुलासे के कारण उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। वहीं उनका तर्क रहा है कि इस मामले में जांच में उनके मातहत आने वाले जो अधिकारी थे उन्हें इंद्राणी मुखर्जी कथित रूप से अपने ऊंचे संबंधों का हवाला देकर धौंस दे रही थीं और इतना ही नहीं वह जानबूझकर सारी बातें अंग्रेजी में कर रही थी ताकि पुलिसवालों को जांच में दिक्कत आए। मारिया की ओर से कहा गया कि वह इसलिए मामले में ज्यादा लगे क्योंकि अन्य अधिकारियों का हाथ अंग्रेजी में कुछ तंग था।

लापरवाही की हो रही है जांच
पुलिस महकमा इस बात की भी जांच कर रहा है कि आखिर क्यों नहीं तब इस मामले की जांच की गई और हत्या का खुलासा किया गया। इस मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी संजीव दयाल को सौंप दी गई थी।

एसपी ने एफआईआर दर्ज करने से रोका था : इंस्पेक्टर
शीना बोरा हत्याकांड के केस से जुड़े महाराष्ट्र पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने खुलासा किया है कि उसे वरिष्ठ अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने से मना किया था, जब शीना बोरा की लाश रायगढ़ के जंगलों में तीन साल पहले मिली थी।

सूत्रों के हवाले से खबर थी कि इंस्पेक्टर सुभाष मिरगे ने दावा किया है कि रायगढ़ के तत्कालीन एसपी आरडी शिंदे ने उन्हें केस दर्ज करने से मना किया था। वहीं आरडी शिंदे ने कहा था कि वह जांच अधिकारी के सामने अपनी बात रखेंगे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मिरगे का बयान उस जांच का हिस्सा है जिसमें यह देखा जा रहा है कि लावारिश लाश मिलने के बाद आखिर क्यों नहीं पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया। जब 2012 में शीना बोरा की लाश लावारिश हालत में रायगढ़ के जंगलों में मिली थी तब मिरगे संबंधित थाने में तैनात थे। मिरगे वर्तमान में पुणे के एक थाने में तैनात हैं।